यशवंत सिन्हा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के साथ ही भाजपा का अंदरूनी संकट और गहरा गया.
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने चेतावनी दी कि भविष्य में संगठन की आंतरिक गतिविधियों या विचारों को सार्वजनिक करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. सिंह द्वारा प्रेस कांफ्रेंस करने के कुछ ही मिनट पहले खबर आयी कि सिन्हा ने इस्तीफा दे दिया है.
बताया जाता है कि सिन्हा संसदीय दल में लालकृष्ण आडवाणी द्वारा की गयी कुछ नियुक्तियों से नाराज चल रहे थे. हजारीबाग से लोकसभा के लिए चुने गये सिन्हा ने अपना इस्तीफा राजनाथ सिंह को भेजा है. सिन्हा के इस्तीफे पर गोलमोल जवाब देते हुए राजनाथ ने कहा कि उन्हें ऐसी खबर मिली है और वह अपने कार्यालय में जाकर इस बात का पता लगाएंगे.
पार्टी के भीतर बढ़ती अंदरूनी कलह के बीच आयोजित इस प्रेस कांफ्रेंस में राजनाथ ने कहा हाल ही में पार्टी के कतिपय नेताओं द्वारा मीडिया में व्यक्त किये गये विचारों और दिये गये बयानों से यह धारणा बन रही है कि पार्टी का नेतृत्व असमंजस में है और पराजय के कारणों का विश्लेषण नहीं कर पा रहा है. यह सत्य से पूर्णतया परे है.