पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार ने सिंगुर और नंदीग्राम की घटनाओं से काफी सीखा है. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि जमीन अधिग्रहण कानून 1894 की जगह पर नया कानून बनाए.
भट्टाचार्य ने कहा, ‘हमने नंदीग्राम और सिंगुर से काफी कुछ सीखा है. हमारे पास एक नया कानून होना चाहिए क्योंकि 1894 का जमीन अधिग्रहण कानून समय के साथ व्यवहारिक नहीं रह गया है.’
उन्होंने कहा, ‘हम एक नया कानून चाहते हैं जिससे पुर्नवास और मुआवजा जैसी समस्याओं से निपटा जा सके.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नये कानून के बनने से पूरे देश को लाभ होगा.
मुआवजा बहुत जरूरी होता है और सिंगुर पैकेज इसी सिलसिले में दिया गया था.
भट्टाचार्य ने कहा कि नकारात्मक विकास निवेश की प्रक्रिया को नहीं रोकेगा. उन्होंने कहा, ‘सिंगुर के बाद भी वर्ष 2009 में राज्य में रिकार्ड 8500 करोड़ का निवेश प्रस्ताव आया.’ उन्होंने
बताया कि सिंगुर के बाद 6500 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई.
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि राज्य को केवल कृषि ही संपन्न नहीं बना सकती. उन्होंने कहा, ‘हमें उद्योगों की आवश्यकता है.’
भट्टाचार्य ने कहा कि भविष्य में भी वह और उनकी पार्टी माकपा राज्य में सत्ता में बनी रहेगी. एक तरह से तृणमूल कांग्रेस की ओर संकेत करते हुए भट्टाचार्य ने कहा, ‘हम कभी नहीं हटने वाले. हम किसी गैर जिम्मेदार और अनुशासनहीन पार्टी को सत्ता नहीं सौंप सकते जो राज्य को अंधकार में झोंक दे.’
मुख्यमंत्री मीडिया में आयी कुछ खबरों के बारे में टिप्पणी कर रहे थे. इन रिपोटरें में कहा गया था कि भट्टाचार्य ने आगामी विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता में बने रहने के बारे में संदेह व्यक्त किया था. कल एक समारोह के दौरान दिये गये उनके बयान के हवाले से मीडिया में खबरें आयी थी .
उन्होंने कहा कि वाम मोर्चे को सत्ता में बने रहना जरूरी है तभी पश्चिम बंगाल प्रगति के मार्ग पर अग्रसर होगा.