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उत्तराखंड में कुदरती आफत से पार पाने की कोशिश तेज, बारिश के अनुमान ने बढ़ाई चिंता

प्राकृतिक आपदा से जूझे रहे उत्तराखंड में राहत और बचाव का काम तेज गति से किया जा रहा है. इसके बावजूद, तबाही के 8 दिन बाद भी 20 हजार से ज्यादा लोग अब भी वहां फंसे हुए हैं. रविवार को करीब 2200 लोगों को अलग-अलग इलाकों से बचाया गया है.

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प्राकृतिक आपदा से जूझे रहे उत्तराखंड में राहत और बचाव का काम तेज गति से किया जा रहा है. इसके बावजूद, तबाही के 8 दिन बाद भी 20 हजार से ज्यादा लोग अब भी वहां फंसे हुए हैं. रविवार को करीब 2200 लोगों को अलग-अलग इलाकों से बचाया गया है.

बारिश के अनुमान ने बढ़ाई चिंता
रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन पर बारिश का साया मडरा रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक, रविवार रात से ही उत्तराखंड में बारिश होने का अनुमान है. अगर ऐसा हुआ, तो राहत और बचाव के काम में काफी मुश्किल हो सकती है. सोमवार को आईटीबीपी और सेना के जवान मिलकर ऑपरेशन चलाने वाले हैं.

अफसरों पर बरस पड़े सीएम बहुगुणा
इस बीच, उत्तराखंड के सीएम बहुगुणा ने अपनी सरकार पर सुस्ती के आरोपों के बीच अपने ही अफसरों पर बरसे पड़े. बहुगुणा ने कहा कि अफसर आपदा से निपटने लायक ही नहीं हैं.

मुश्किलों से पार पाने की कोशिश में जवान
उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जिंदगियों को बचाने में भारतीय सशस्त्र बलों के जवान जी-जान लगाए हुए हैं, मगर दुर्गम पहाड़ी इलाकों में राहत अभियान चलाने में उन्हें बहुत कठिनाइयों से गुजरना पड़ रहा है. अपनी सुरक्षा की चिंता को परे रखते हुए, ईंधन आपूर्ति के दबाव को झेलते हुए भारतीय सशस्त्र बलों के जवान, जिनमें से कुछ ने माउंट एवरेस्ट पर भी फतह की है, उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जिंदगियों को बचाने में समय के साथ होड़ लगाए हुए हैं.

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भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सीमा सुरक्षा संगठन (बीआरओ) और राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) के कर्मी बद्रीनाथ और केदारनाथ क्षेत्र और राज्य के अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बादल फटने के बाद आई बाढ़ के कारण फंसे तीर्थयात्रियों को बचाने के जी-तोड़ प्रयास में जुटे हैं.

जीवित बचे लोगों की तलाश
वायुसेना ने हवाई ईंधन सेतु की बेजोड़ व्यवस्था की है, आईटीबीपी ने अपनी एवरेस्ट पवर्तारोहियों को तैनात किया है और एनडीआरएफ जीवित बचे लोगों और प्रभावितों की तलाश के लिए मानव रहित विमान का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है. विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों ने कहा कि पहाड़ी राज्य में राहत कार्यों के दौरान वे लोग कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और संकट में फंसे लोगों को उबारने की युक्ति निकाल रहे हैं.

काम में घंटों की नहीं है कोई चिंता
वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि पहाड़ के खतरनाक कटानों और खराब मौसमी हालात में पायलट राहत अभियान को अंजाम दे रहे हैं. वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा, 'पायलटों के उड़ान के घंटे को लेकर कड़े नियम हैं, लेकिन हम नियमों का कड़ाई से पालन नहीं कर रहे हैं. हम ज्यादा से ज्यादा राहत कार्य अंजाम देने में जुटे हैं.' ऑपरेशन राहत के तहत शनिवार दोपहर तक वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने 768 उड़ानें भरी थीं. अधिकारी ने कहा कि जीवित बच गए लोगों की उम्मीद उन्हें प्रयास जारी रखने के लिए प्रेरित कर रही है.

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राहत के काम में जुटे हैं जांबाज
आईटीबीपी ने माउंट एवरेस्ट पर फतह करने वाले अपने सदस्यों की टीम भेजी है. आईटीबीपी के प्रमुख अजय चड्ढा ने बताया, 'हमारे पास एक विशेष दल है, जिसने माउंट एवरेस्ट फतह किया था. उनके पास विशेष उपकरण हैं. वे राहत अभियान में जुटे हैं.'

आईटीबीपी के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि चिनाव में सीमा पर कर्तव्य निभाने के बाद आराम कर रहे कर्मियों को भी राहत अभियान में उतारा गया है. उन्होंने कहा, 'उत्तराखंड में पदस्थ कर्मी वहां की चट्टानी बनावट से भलिभांति परिचित हैं.' अधिकारी ने कहा, 'भोजन के अभाव में कमजोर हो गए तीर्थयात्रियों को हमारे कर्मियों ने अपनी अपनी परवाह न कर पीठ पर ढोया है.'

उत्तराखंड की आपदा में फंसे लोगों की मदद के‍ लिए हेल्‍पालाइन नंबर इस प्रकार हैं:
पिथौरागढ़:
05964-228050, 226326
अल्‍मोड़ा: 05962- 237874
नैनीताल: 05942- 231179
चमोली: 01372- 251437, 251077
रुद्रप्रयाग: 01364- 233727
उत्तरकाशी: 01374- 226461
देहरादून: 0135- 2726066
हरिद्वार: 01334- 223999
टिहरी गढ़वाल: 01376- 233433
बागेश्‍वर: 05963- 220197
चम्‍पावत: 05965- 230703
पौड़ी गढ़वाल: 01368- 221840
उधम सिंह नगर: 05944- 250719, 250823

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