पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में बेहतर चुनावी प्रदर्शन के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत से मिलने जाएंगे.
इस मुलाकात के दौरान शाह आरएसएस प्रमुख भागवत को पूर्वोत्तर में पार्टी के प्रदर्शन से अवगत कराएंगे. साथ ही बीजेपी की भविष्य की रणनीतियों को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा हो सकती है.
सूत्रों ने यह भी उम्मीद जताई कि अमित शाह संघ प्रमुख से पार्टी संगठन में कुछ बदलावों को लेकर परस्पर विचार विमर्श कर सकते हैं. बता दें कि देश में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने किसी राज्य में सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार को न सिर्फ चुनौती दी है बल्कि उसे करारी शिकस्त देकर सत्ता से बाहर भी कर दिया है.
त्रिपुरा में बीजेपी को मिली यह जीत उसके लिए कई मायने रखती है. महज दो साल की मेहनत के साथ बीजेपी ने वह कर दिखाया जो कांग्रेस 2 दशकों से अधिक समय से करने की कोशिश में थी. बीजेपी की त्रिपुरा में यह जीत इसलिए भी अहम हैं क्योंकि लेफ्ट पार्टी को शिकस्त देने के साथ ही उसने राज्य में कांग्रेस को अपना खाता खोलने का मौका भी नहीं दिया.
बीजेपी के इस प्रदर्शन के बाद अब महज केरल में लेफ्ट पार्टी की सरकार बची है. यहां भी लेफ्ट को सत्ता से बाहर करने में कांग्रेस लगातार कोशिश में रहती है लेकिन अब त्रिपुरा के नतीजों के बाद इस राज्य में वामपंथ राजनीति से मुक्त करने में क्या बीजेपी को अधिक प्रभावी माना जा सकता है?
बीजेपी को इस मुकाम तक पहुंचाने में अमित शाह की अहम भूमिका रही है. उनके नेतृत्व में पार्टी देश के 21 राज्यों में सत्ता में है. ऐसे में संघ प्रमुख से शाह की मुलाकात को अहम माना जा रहा है, जहां भविष्य की रणनीतियां तय होनी है.