कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ मंदिर जा रहे श्रद्धालुओं का पहला जत्था जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के मौद में पहुंच गया है. यहां पर श्रद्धालुओं के लिए लंगर लगाया गया था. 1 जुलाई से 15 अगस्त तक यानी 45 दिन की अमरनाथ यात्रा के पहले जत्थे में पहले जत्थे में 1,051 लोग उत्तरी कश्मीर से बालटाल आधार शिविर के लिए और 1,183 लोग पहलगाम आधार शिविर के लिए रवाना हुए थे. श्रद्धालुओं में 1,839 पुरुष, 333 महिलाएं, 45 साधु और 17 बच्चे शामिल हैं.
अमरनाथ यात्रा सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हो गई. 7,500 से अधिक तीर्थयात्री वार्षिक अमरनाथ यात्रा करने के लिए हिमालय की पवित्र गुफा में स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रवाना हो गए. रविवार को कश्मीर घाटी के लिए 2,000 से अधिक तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना होने के बाद 4,417 तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था जम्मू से गुफा के लिए रवाना हुआ.
#AmarnathYatra: Pilgrims from the first batch enroute Amarnath cave shrine being served with 'langar' at a camp in Moud area of Udhampur district in Jammu and Kashmir. pic.twitter.com/c7aNU51Jxv
— ANI (@ANI) July 2, 2019
एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर से जम्मू तक यातायात की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी, जब तक कि तीर्थयात्रियों का जत्था जवाहर सुरंग को पार नहीं कर जाता. अमरनाथ यात्रियों को ले जाने वाले किसी भी वाहन को पुंछ और राजौरी जिलों को जोड़ने वाले मुगल रोड पर जाने की अनुमति नहीं होगी.
उत्तरी कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल आधार शिविर से 7,500 तीर्थयात्री सोमवार को यात्रा के लिए रवाना हुए. शेष पहले ही पहलगाम मार्ग से होकर यात्रा करते हुए छड़ी मुबारक के साथ गुफा तक पहुंच चुके हैं.
बता दें कि समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित 45 दिवसीय वार्षिक यात्रा 15 अगस्त को सम्पन्न होगी. अधिकारी ने कहा, "सोमवार को 31 बच्चों के अलावा 3,543 पुरुषों, 843 महिलाओं का जत्था भगवती नगर यात्री निवास से 142 वाहनों के काफिले के साथ रवाना हुआ."
उन्होंने कहा, "इनमें से 1,617 तीर्थयात्री बालटाल आधार शिविर और 2,800 पहलगाम आधार शिविर पहुंचेंगे. अधिकारियों ने जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर दोपहर 3.30 बजे तक विपरीत दिशा में किसी भी यातायात की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है ताकि घाटी की ओर यात्रियों के लिए सुगम मार्ग सुनिश्चित किया जा सके."