भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी पर राम मंदिर आंदोलन को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए विश्व हिन्दू परिषद् ने मंगलवार को कहा कि यदि उन्होंने 1989 में रथयात्रा नहीं निकाली होती तो अब तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो चुका होता.
विहिप प्रमुख अशोक सिंघल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आडवाणी ने उस समय रथयात्रा निकाल कर एक गलत कदम उठाया था. यह रथयात्रा उन्होंने वोट बैंक की खातिर निकाली थी. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने केंद्र की तत्कालीन विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने का रास्ता तैयार करने के मकसद से रथयात्रा निकाली थी.
सिंघल ने कहा कि आडवाणी यदि उस समय रथयात्रा नहीं निकालते तो सभी राजनीतिक दलों को बातचीत के जरिए इस मुद्दे पर मनाया जा सकता था. ऐसी स्थिति में अभी तक राम मंदिर का निर्माण हो गया होता. भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए मुस्लिमों से सहयोग लेने के सुझाव के बारे में उन्होंने कहा ‘गडकरी या भाजपा का इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है.
भाजपा राम मंदिर के मुद्दे पर अपनी राजनीति नहीं करे. राम मंदिर आंदोलन साधु-संतों ने चलाया है और वही इस मामले में फैसला करेंगे.’ सिंघल ने इस बात की संभावना जताई कि राम जन्मभूमि विवाद पर इस साल अक्तूबर तक अदालत का फैसला आ सकता है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे का हल अदालतों में कभी नहीं निकल सकता. इसके लिए कानून बनाने की जरूरत है.
विहिप नेता ने आशंका जताई कि राम जन्म भूमि विवाद पर अदालत का फैसला दोनों पक्षों में से किसी भी पक्ष में आने से देश में संघर्ष की स्थिति पैदा हो सकती है. उन्होंने कहा कि यदि मुस्लिमों के पक्ष में फैसला नहीं आया तो भी संघर्ष की आशंका उत्पन्न हो सकती है. उन्होंने आरोप लगाया ‘देश में जेहादी ताकतें हमेशा आक्रमण की फिराक में रहती हैं और वह अदालत के फैसले के बाद उत्पन्न होने वाली स्थिति का लाभ उठाकर गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश कर सकती हैं.’
विहिप नेता ने कहा कि साधु-संत राम मंदिर मुद्दे पर जनजागरण के माध्यम से समाज में जागरुकता लाएंगे. उन्होंने कहा कि यदि समाज एकजुट हो जाए तो सरकार चाहे किसी पार्टी की हो, उसे जनभावनाओं के आगे झुकना पड़ता है. सिंघल ने आशा जताई कि राम मंदिर के मुद्दे पर सभी पार्टियों से बातचीत कर संसद में विधेयक पारित करवाया जा सकता है और गुजरात में सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो सकता है.