दिल्ली जनलोकपाल बिल को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पर AAP विधायकों की मीटिंग खत्म हो गई है. बिल सोमवार को सदन में पेश किया जाना है. दूसरी ओर AAP से निकाले जा चुके नेता प्रशांत भूषण इस बिल के विरोध में प्रदर्शन करने वाले हैं.
प्रशांत भूषण ने दी बहस की चुनौती
जिस जनलोकपाल से केजरीवाल दिल्ली की राजनीति में छाए, वह जनलोकपाल उनके दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उनके पीछे पड़ा है. उनके पुराने साथी प्रशांत भूषण ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. एक दिन पहले उन्होंने दिल्ली सरकार के जनलोकपाल को 'महाजोकपाल' बताया और इस बिल पर खुली बहस की चुनौती दे दी.
प्रशांत भूषण की दलील है कि अन्ना आंदोलन के मुताबिक, लोकपाल एक स्वतंत्र संस्था थी, लेकिन केजरीवाल सरकार के लोकपाल की चयन समिति में सरकार की भूमिका है. ऐतराज इस बात पर भी था कि 2014 का लोकपाल बिल सार्वजनिक नहीं किया गया और प्रचार किया गया कि ये वही बिल है.
'मौजूदा बिल पूरी तरह अलग'
प्रशांत भूषण ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल सरकार के दावों से उलट दिल्ली का मौजूदा जनलोकपाल बिल साल 2014 के बिल से पूरी तरह से अलग है.
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने दावा किया कि 2015 का विधेयक लोकपाल की नियुक्ति और उसे हटाने में सरकार के दखल बढ़ाता है और यह अपने अधीन केंद्र सरकार के अधिकारियों को भी लाता है.
स्वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण के दावों के मद्देनजर AAP ने उन पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उनका हमला उनके और बीजेपी के बीच गठजोड़ साबित करता है.
केजरीवाल की तुलना हिटलर के मंत्री से की
प्रशांत भूषण ने इस दावे पर भड़कते हुए केजरीवाल की तुलना तानाशाह हिटलर के शासन में मंत्री रहे जोसेफ गोयेबल्स से की. इसके साथ ही भूषण ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को इस मामले पर एक खुली चर्चा की चुनौती दी. दिल्ली सरकार विधेयक को सोमवार को पेश करेगी.
प्रशांत भूषण ने दिल्ली जनलोकपाल विधेयक, 2014, उत्तराखंड लोकायुक्त विधेयक, केंद्र के लोकपाल कानून और टीम अन्ना के जनलोकपाल मसौदे सहित कई लोकपाल विधेयकों और कानूनों का एक तुलनात्मक अध्ययन पेश करते हुए कहा कि दिल्ली की मौजूदा कैबिनेट द्वारा पारित विधेयक सबसे बदतर है.
2014 Dli Lokpal bill totally diff from #AapKaJokepal.Yet AAP was brazenly claiming it as identical! It thinks repeating lie 100 times works!
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) November 29, 2015
Brazen lies: '#AAPKaJokePal is identical to the 2014 bill': Aap uses Goebble's method of repeating a lie100 times!
https://t.co/rfXmRaU2rg
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) November 29, 2015
See various Lokpal bills & the comparitive chart to see how #AAPKaJokePal trashes all basic principles of Janlokpal
https://t.co/KucupGHHv9
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) November 29, 2015
See what AK said then, & selection comm of #AAPKaJokePal: 3/4 are politicos &2/4 of govt.Duplicitous cheat or Fraud? pic.twitter.com/bhUKdbfcnw
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) November 29, 2015
भूषण ने कहा, ‘वे (AAP) क्या सोचते हैं? इसीलिए उन्होंने प्रचार बजट को बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये से अधिक कर दिया था? उन्हें एक प्रचार मंत्रालय बनाने के बारे में सोचना चाहिए. यह ऐसा ही है, जैसे उन्हें जोसेफ गोयेबेल्स द्वारा प्रशिक्षित किया गया हो. नया विधेयक 2014 में पेश किए गए विधेयक से बिल्कुल अलग है.’ दिल्ली सरकार ने किसी भी विधेयक की प्रति आधिकारिक रूप से जारी नहीं की है. बागी AAP विधायक पंकज पुष्कर ने शनिवार को 2015 विधेयक को सार्वजनिक कर दिया था. उन्होंने दावा किया कि उन्हें यह दिल्ली विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति के एक सदस्य की हैसियत से प्राप्त हुआ है.
इस बीच AAP सरकार के पदाधिकारियों ने भूषण द्वारा नोएडा स्थित आवास पर संवाददाता सम्मेलन करके लगाए गए आरोपों पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
कांग्रेस ने किया बिल का समर्थनLokayukta be allowed to probe corruption in DDA, Delhi Police: Ajay Maken https://t.co/IZF0YWiVQP
— Ajay Maken (@ajaymaken) November 29, 2015