संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अगले पांच दिन में दुनिया की आबादी सात अरब हो जायेगी और इस वैश्विक संस्था ने विश्व समुदाय से अनुरोध किया कि इस मौके का इस्तेमाल वे अपने युवाओं के शिक्षा और स्वास्थ्य पर निवेश और सुविधाओं को बढ़ाने पर करें.
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन क्रियाकलापों पर अब फैसला लिया जायेगा उनसे यह निर्धारित होगा कि भविष्य स्वस्थ, सतत और समृद्ध होगा या असमानताओं, पर्यावरणीय क्षरण और आर्थिक नुकसान से भरा होगा.
संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या फंड के कार्यकारी निदेशक बाबाटूंडे ओसोटिमहिन ने कहा, ‘विश्व समुदाय को भविष्य के आर्थिक विकास का पूरा लाभ उठाने के लिये इस अवसर का इस्तेमाल यह तय करने के लिए करना होगा कि वे स्वास्थ्य और अपने युवाओं की शिक्षा के लिये निवेश करें या विषमता से भरे दया के पात्र देश बने रहे जिसमें विकासशील देशों के करोड़ों लोग बिना मूलभूत सुविधाओं के अपना गुजर बसर कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि योजनाबद्ध तरीके से और सही निवेश उन्हें सशक्त बनायेगा जो न केवल स्वयं उनके लिये अच्छा है बल्कि विश्व के सात अरब लोगों के लिये भी फायदेमंद है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ‘द स्टेट ऑफ वर्ल्ड पापुलेशन 2011’ में कहा गया है कि जनसंख्या के इस नये रिकार्ड को कई तरह से देखा जा सकता है जैसे मानवता की सफलता क्योंकि इसका मतलब है कि लोग अब दीघायरु हो रहे हैं और विश्व स्तर पर और ज्यादा बच्चे जीवित बच रहे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया कि लेकिन इस उपलब्धि या उच्च गुणवत्ता वाली जीवनशैली से सभी लोगों का फायदा नहीं हुआ है. विभिन्न देशों के बीच और उनके अंदर भी काफी विषमता बनी हुई है. इसी तरह अधिकारों और अवसरों के मामले में महिलाओं और पुरूषों के बीच असमानता है.
रिपोर्ट के मुताबिक विकासशील देशों में मां बनने की उम्र की 21 करोड़ 50 लाख महिलायें स्वैच्छिक परिवार नियोजन तक पहुंच नहीं पाती हैं. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार लाखों किशोरों और नवयुवतियों की यौन शिक्षा, गर्भवती होने से किस तरह बचा जाये या एचआईवी से खुद को किस तरह बचाये इसकी जानकारी बहुत कम है. उसने कहा कि सात अरब की इस आबादी में 1.8 अरब लोग ऐसे हैं जिनकी उम्र 10 से 24 साल के बीच है.