बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जनसंख्या स्थिरीकरण को देश के लिये बडी आवश्यकता बताते हुए कहा कि जनसंख्या पर नियंत्रण पाए बिना बिहार जैसे पिछडे प्रदेश का विकास संभव नहीं है.
मोदी ने एक सेमिनार का उदघाटन करते हुए कहा कि देश की आबादी में प्रत्येक दस साल में 22 प्रतिशत की वृद्धि हो जाती है जो विकास की दृष्टि से सही नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर देश के विभिन्न राज्यों में प्रजनन दर पर नजर डाले तो बिहार में इसकी दर वर्तमान में 3.9 प्रतिशत है जबकि बेहतर साक्षर राज्यों तमिलनाडु और केरल में यह मात्र 1.7 प्रतिशत है.
उन्होंने आबादी पर नियंत्रण के लिए लोगों के शिक्षित होने के साथ परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों को अपनाया जाना जरूरी बताया. परिवार नियोजन के लिए बिहार में बंध्याकरण की संख्या में वृद्धि का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि महिला की तरह पुरुषों को भी इसके लिए संकोच नहीं करके आगे आना चाहिए. उन्होंने बताया कि पूर्व में बिहार में जहां बंध्याकरण कराने वालों की संख्या एक लाख थी वह अब बढकर छह लाख हो गयी है.
मोदी ने रोगियों के इलाज के लिए बिहार सहित देश में चिकित्सकों की कमी के पीछे इंजीनियरिंग कालेज की तुलना में यहां मेडिकल कालेज के कम होने की बात कही. पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस की पढाई शुरू होने का स्वागत करते हुए मोदी ने कहा कि वहां सौ एमबीबीएस छात्रों के नामंकन से अब प्रदेश में एमबीबीएस के छात्रों की संख्या बढकर 390 हो गयी है.
मोदी ने कहा कि प्रदेश के पावापुरी, बेतिया, मधेपुरा और पटना के बिहटा में एक-एक मेडिकल कालेज खोले जाने की दिशा में प्रयास जारी है. उन्होंने कहा कि देश में अर्धचिकित्सकों का भी
घोर अभाव है और उनकी शिक्षा के लिए पटना एक कालेज खोला गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में उपकरणों, दवा सहित अन्य आवश्यक सामग्री की खरीद के लिए बिहार मेडिकल सर्विसेस इंफरास्टक्चर कापरेरेशन का गठन कर दिया है.
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के लगातार प्रयास से आज प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा वितरण कराने का परिणाम यह हुआ कि सरकारी अस्पतालों में अब रोगियों की संख्या में काफी वृद्धि हो गयी है. मोदी ने कहा कि वर्ष 2005 में बिहार में बच्चों के टीकाकरण का प्रतिशत जहां मात्र 18.6 प्रतिशत था वह अब बढकर 66.61 प्रतिशत हो गया जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 61 प्रतिशत ही है.
उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में होने वाले संस्थागत प्रसव की संख्या वर्ष 2006-07 में जहां एक लाख 12 हजार संस्थागत थी वहीं 2010-11 में यह 15 लाख के आकंडे को पार कर जायेगी. मोदी ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार ने स्वास्थ्य गारंटी कार्यक्रम के तहत राज्य में 14 साल तक के 3.41 करोड बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनका हेल्थ कार्ड बनाने का निर्णय किया है.