राष्ट्रीय जनता दल और समाजवादी पार्टी ने केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) से अपना समर्थन वापस ले लिया है.
महिला आरक्षण विधेयक के विरोध में आज लालू यादव और मुलायम सिंह यादव ने संसद के परिसर में हंगामा खड़ा कर दिया. इसके बाद दोनों ही दलों ने सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा कर दी. उन्होंने यह कदम महिला आरक्षण विधेयक पर उनकी मांग को नजरअंदाज करने के बाद उठाया है.
यूपीए को बाहर से समर्थन दे रहे सपा के 21 सांसद हैं जबकि आरजेडी के 4 सांसद हैं. लालू प्रसाद ने कहा कि मौजूदा बिल दोषपूर्ण है. इस बिल में पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए अगल से व्यवस्था करने की मांग को लेकर लालू और मुलायम ने अपनी एकजुटता दिखाई है. लालू ने कहा है कि कांग्रेस और बीजेपी को अगर महिलाओं के हितों की इतनी ही चिंता है तो चुनाव में उसे अधिक से अधिक महिलाओं को टिकट देना चाहिए था.
जहां एक ओर मुलायम सिंह यादव इस विधेयक पर कांग्रेस और बीजेपी को पिछड़ों का विरोधी बता रहे थे वहीं लालू यादव ने कहा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब इस पर अपना रुख बदल लिया है.
बिल में पिछड़ों, दलितों और मुस्लिमों की उपेक्षा को लेकर मुलायम सिंह यादव, लालू यादव और शरद यादव पहले से ही इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं. जबकि जनता दल (यू) में इस पर एकमत नहीं है.
उधर जदयू के नेता शिवनंद तिवारी ने कहा है कि वोटिंग से एक घंटा पहले इस मसले पर पार्टी विचार करेगी कि क्या करना है. हालांकि नीतीश कुमार ने बिल के पक्ष में अपनी समर्थता जताई थी. उधर शरद यादव ने महिला आरक्षण बिल के खिलाफ में अपनी बात कही थी.
बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिव सेना का कहना है कि वह मौजूद बिल में संशोधन चाहती है तभी वह बिल के पक्ष में समर्थन देगी. मौजूद बिल को लेकर शिव सेना यूपीए के साथ नहीं है.