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सुप्रीम कोर्ट ने तिहरे हत्याकांड के सभी अभियुक्तों को किया बरी

सुप्रीम कोर्ट ने दो दशक पुराने तमिलनाडु के तिहरे हत्याकांड में सबूतों के अभाव में सभी 17 अभियुक्तों को बरी कर दिया है.

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सुप्रीम कोर्ट
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सुप्रीम कोर्ट ने दो दशक पुराने तमिलनाडु के तिहरे हत्याकांड में सबूतों के अभाव में सभी 17 अभियुक्तों को बरी कर दिया है.

न्यायमूर्ति पी सदाशिवम और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की खंडपीठ ने इस हत्याकांड में उम्र कैद की सजा पाये मुरुगन और 16 अन्य अभियुक्तों की अपील पर मद्रास उच्च न्यायालय का निर्णय निरस्त कर दिया. इन सभी को सत्र अदालत ने बरी कर दिया था लेकिन उच्च न्यायालय ने उसके निर्णय को उलट दिया था.

इस मामले में वीरपेरुमल, करुमपुली और मदास्वामी हत्या से जुड़े मामले में जमानत के सिलसिले में 22 सितंबर, 1991 को न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आये थे. लेकिन इसी दौरान अन्य आपराधिक मामलों के सिलसिले में अदालत पहुंचे कथित रूप से 23 व्यक्तियों ने उन पर हमला बोल दिया था. इस हमले में वीरपेरुमल, करुमपुली और मदास्वामी की मृत्यु हो गयी थी.

सत्र अदालत ने 16 अप्रैल 1998 को इन सभी अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था, लेकिन तमिलनाडु सरकार की अपील पर मद्रास उच्च न्यायालय ने सत्र अदालत का निर्णय उलटते हुए हत्या के जुर्म में 19 व्यक्तियों को उम्र कैद की सजा सुनायी थी. इनमें से दो दोषी व्यक्तियों की अपील की सुनवाई के दौरान ही मृत्यु हो गयी थी. इसके बाद शेष 17 अभियुक्तों ने उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की.

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शीर्ष अदालत ने इस तिहरे हत्याकांड के सारे साक्ष्यों और रिकार्ड के अवलोकन के बाद अपने निर्णय में कहा कि इन व्यक्तियों को दोषी ठहराने का उच्च न्यायालय का निष्कर्ष त्रुटिपूर्ण था. न्यायालय ने इसके साथ ही उच्च न्यायालय का फैसला निरस्त करते हुए सभी व्यक्तियों को हत्या के आरोप से बरी कर दिया.

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