तेलंगाना का क्या होगा. इस सवाल के जवाब में जस्टिस बी एस श्रीकृष्णा ने जो रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी है, उसमें छह विकल्प सुझाए गए हैं. सबसे पहले नजर डालते हैं उन छह विकल्पों पर.
सबसे पहला विकल्प हैः आंध्र प्रदेश में मौजूदा स्थिति बनाए रखी जाए. हालांकि कमेटी खुद ही इसके पक्ष में नहीं है, कमेटी के मुताबिक ये व्यवहारिक नहीं होगा.
कमेटी ने दूसरा विकल्प सुझाया हैः आंध्र प्रदेश को दो हिस्सों में बांटा जाए, सीमान्ध्र और तेलंगाना. इसमें हैदराबाद को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाए.
तीसरा विकल्प हैः आंध्र को दो हिस्सों रायल तेलंगाना और तटीय आंध्र में विभाजित करें, और हैदराबाद को रायल तेलंगाना का हिस्सा बना दिया जाए.
चौथा विकल्प हैः विभाजन के बाद सीमान्ध्र और तेलंगाना अलग दो राज्य बनाए जाएं. साथ ही हैदराबाद को बड़ा करके उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया जाए.
कमेटी ने पांचवा विकल्प सुझाया हैः आंध्र को दो हिस्सों सीमान्ध्र तेलंगाना में बांटा जाए, और हैदराबाद को तेलंगाना की राजधानी बनाएं. सीमान्ध्र अपनी राजधानी अलग बनाए.
कमेटी का छठा और आखिरी विकल्प हैः आंध्र के बंटवारे की बजाय तेलंगाना क्षेत्र के सामाजिक आर्थिक विकास और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए संवैधानिक कदम उठाए जाएं.