मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने बीकॉम ऑनर्स संकाय में दाखिले के लिए 100 प्रतिशत ‘कट ऑफ अंक’ निर्धारित करने के लिए श्रीराम कॉलेज आफ कामर्स (एसआरसीसी) की कड़ी आलोचना की है और दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से इस विषय पर संज्ञान लेने को कहा है.
सिब्बल ने कहा, ‘यह असंगत और शिक्षा को देखने का गलत नजरिया है, वह भी ऐसे समय जब हम शिक्षा के क्षेत्र में सुधार को आगे बढ़ा रहे हैं.’ मंत्री ने इस विषय पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति दिनेश सिंह को मंत्रालय में तलब किया. मंत्री से मुलाकात के बाद कुलपति ने कहा, ‘अभी एक कट ऑफ सूची जारी हुई है और चार सूचियां आनी शेष है. हमें दाखिले की पूरी व्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत है.’
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि एक कॉलेज की कट ऑफ सूची को देखकर उन्हें काफी दुख हुआ है. इसमें 100 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले छात्र को ही संस्थान में प्रवेश मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘यह असंगत और शिक्षा को देखने का गलत नजरिया है, वह भी ऐसे समय जब हम शिक्षा में सुधार के लिए कदम उठा रहे हैं.’
इधर, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीटर पर डीयू में 100 प्रतिशत कट ऑफ पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा जब पांच वर्ष बाद उनके पुत्र को दाखिला लेना होगा तो कटऑफ और बढ़ जायेगा.
सिब्बल ने कहा, ‘देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संस्थाओं की काफी कमी है जिसके कारण कॉलेजों में दाखिले के लिए काफी भीड़ है, लेकिन जो छात्र मेहनत करके 97-98 प्रतिशत अंक प्राप्त करते हैं और उन्हें दाखिला नहीं मिलता तो उन्हें तकलीफ होती है.’
मंत्री ने कहा, ‘यह गलत तरीका है और हम पूरी तरह से छात्रों एवं अभिभावकों के साथ हैं. हम इस ढर्रे को आगे बढ़ने नहीं देंगे.’ सिब्बल ने कहा, ‘दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने व्यवस्था को व्यवहारिक बनाने का प्रयास किया है. अब हर कॉलेज अपनी अपनी कटऑफ सूची जारी कर सकते हैं जिससे छात्रों को भटकना नहीं पड़ेगा.’ उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत कट ऑफ जारी करना दुर्भाग्यपूर्ण है और वह उम्मीद करते हैं कि कॉलेज ऐसा नहीं करेंगे.
मंत्री ने कहा, ‘मैंने डीयू के कुलपति से इस मामले पर संज्ञान लेने को कहा है.’ उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब हम शिक्षा में सुधार को आगे बढ़ा रहे हैं. कई विधेयक संसद की स्थायी समिति के समक्ष हैं. हम चाहेंगे कि इस प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं आए.’ बहरहाल, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति दिनेश सिंह ने कहा, ‘मैं इस बात से सहमत हूं. कुछ कॉलेजों ने कट ऑफ की पूरी प्रक्रिया को नहीं अपनाया है. हालांकि इस विषय में परेशान होने की कोई बात नहीं है. अभी चार और कट ऑफ सूची आना बाकी है. हमारे पास अभी काफी सीट हैं.’
उन्होंने कहा कि अधिक कट ऑफ अंक का मुख्य कारण इस बार परीक्षा में छात्रों का अधिक अंक प्राप्त करना है. अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या काफी बढ़ी है. इसी का नतीजा हमें देखने को मिल रहा है. कुलपति ने कहा, ‘पहली सूची जारी करते समय कुछ सावधानी बरती जाती है लेकिन बाद में स्थिति सामान्य होगी.’
इस समस्या के निदान के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा, ‘यह विषय मांग और आपूर्ति के सिद्धांत पर आधारित है. यह विषय प्रणालीगत, नीतिगत और व्यक्तिगत मुद्दे से जुड़ा है, जिसपर ध्यान दिया जायेगा.’ डीयू के कुलपति ने कहा, ‘प्रत्येक कॉलेज कटऑफ अंक का निर्धारण अपने वैधानिक निकाय के तहत करते हैं. विश्वविद्यालय का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होता है. हमें पूरी व्यवस्था पर फिर से ध्यान देना होगा.’
गौरतलब है कि श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दाखिले के लिए जिन छात्रों के पास 12वीं कक्षा में बिजनेस स्टडीज, गणित, एकाउंट्स और अर्थशास्त्र में से कोई विषय नहीं है, उन्हें 100 प्रतिशत अंक होने पर ही प्रवेश मिलेगा. कुलपति ने बताया, ‘सूची में इस पात्रता को पूरा करने वाला विज्ञान संकाय का एक ही छात्र है.’
मंगलवार को बिना आवेदन फार्म के जारी की गई कटऑफ सूची छात्रों के लिए काफी हैरान करने वाली रही. सभी कॉलेजों में कटऑफ में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला. दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स में बीए पाठ्यक्रम में 13 प्रतिशत की बढोत्तरी देखने को मिली जबकि मैत्रेयी कॉलेज में 19 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. विज्ञान के कुछ विषयों में कटऑफ में 11 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली.