मुंबई हमलों में शामिल होने के संदिग्ध आरोपी सात पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ मुकदमे में उस वक्त अप्रत्याशित मोड़ आया जब अभियोजकों ने आरोप लगाया कि बचाव पक्ष के वकीलों में से एक वकील के पास फर्जी डिग्री है और उसे अदालत में आने से रोका जाना चाहिए.
रावलपिंडी स्थित आतंकवाद निरोधक अदालत में न्यायाधीश राणा निसार अहमद ने अदालती कार्यवाही जैसे ही शुर की, अभियोजन दल बचाव पक्ष के एक वकील शाहबाज राजपूत के खिलाफ रावलपिंडी बार एसोसिएशन के अधिकारियों द्वारा दर्ज कराई प्राथमिकी की प्रति प्रस्तुत की जिसमें कहा गया है कि शाहबाज के पास कानून की फर्जी डिग्री है.
अभियोजन पक्ष ने शाहबाज को अदालत में आने से रोकने की मांग की है. अभियोजन पक्ष ने अपने तर्क के समर्थन में रावलपिंडी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को भी अदालत में पेश किया.
सूत्रों ने बताया कि बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान वकील शाहबाज राजपूत ने अभियोजन के दावे के खिलाफ अपने दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि उसकी डिग्री की पुष्टि रावलपिंडी बार एसोसिएशन ने की थी. न्यायाधीश ने मामले पर सुनवाई आठ जनवरी तक स्थगित कर दी.