किंगफिशर एयरलाइंस की वित्तिय संकट पर एक से एक प्रतिक्रिया आ रही है. सुप्रसिद्ध उद्योगपति राहुल बजाज ने इस प्रकार के किसी भी राहत पैकेज का खुलकर विरोध किया है. वही शिवसेना ने प्रधानमंत्री को यह नसीहत दी है कि वह किंगफिशर की आर्थिक समस्या को नहीं आम आदमी की समस्या को निपटाएं. इस बीच नागर विमान मंत्री व्यालार रवि ने कहा कि मंत्रालय के पास इस प्रकार का कोई प्रस्ताव नहीं आया है जिसमें किंगफिशर को राहत पैकेज दिए जाने के विषय पर विचार करने को कहा गया हो.
वित्तीय संकट में फंसी किंगफिशर एयरलाइंस पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान को लेकर शिवसेना ने उनसे सवाल किया है कि वह आम आदमी की समस्याएं हल करने के लिए क्यों नहीं कदम उठा रहे हैं. शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मनमोहन की उनके इस बयान को लेकर आलोचना की कि वह नागर विमान मंत्री व्यालार रवि से बात करेंगे और देखेंगे कि किंगफिशर संकट के बारे में क्या किया जा सकता है.
उधर नागरिक उड्डयन मंत्री व्यालार रवि ने कोच्चि में कहा कि संकट से घिरी विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस ने केंद्र से किसी राहत पैकेज की मांग नहीं की है.
रवि ने संवाददाताओं को बताया कि ‘यह मेरे मंत्रालय के समक्ष नहीं आया है.’ उन्होंने कहा कि मेरी माल्या से मुलाकात हुई लेकिन मैं यह खुलासा नहीं कर सकता कि उन्होंने क्या चर्चा की. मंत्री ने कल स्पष्ट किया था कि सरकार के समक्ष न तो इस तरह का कोई राहत पैकेज लंबित है और न ही किंगफिशर एयरलाइंस के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसे प्रस्तावित किया है.
नागरिक उड्डयन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस पर एक दिन में फैसला नहीं हो सकता. प्रस्ताव आने पर ही हम इस पर विचार कर सकते हैं.
निजी क्षेत्र को नहीं दी जानी चाहिये मददः राहुल बजाज
इस बीच प्रमुख उद्योगपति राहुल बजाज ने कहा है कि निजी क्षेत्र को मदद नहीं दी जानी चाहिए, ‘जो मर रहे हैं, उन्हें मरने दिया जाना चाहिए.’ बजाज आटो के प्रमुख राहुल बजाज ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि मैं निजी क्षेत्र का एक स्वाभिमानी व्यक्ति हूं. निजी क्षेत्र की कंपनी को चाहे कर्मचारियों या ग्राहकों के हित में सरकार से मदद में मुझे कोई तर्क नजर नहीं आता.
उन्होंने सवाल किया कि यदि आज बजाज आटो संकट में होती, तो क्या आप मदद करते. यह एक मुक्त अर्थव्यवस्था है, जो मर रहे हैं उन्हें मरने दिया जाना चाहिए. राहुल बजाज की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब किंगफिशर के चेयरमैन विजय माल्या ने एयरलाइन को उबारने के लिए सरकार से मदद मांगी है.
किंगफिशर को 2010-11 में 1,027 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. कंपनी का कर्ज 7,057.08 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. बजाज ने एयर इंडिया को भी सरकार से मदद पर नाखुशी जताते हुए कहा कि उसका निजीकरण किया जाना चाहिए.
हालांकि बजाज ने भी माल्या की तरह यह बात मानी कि उंचे करों के बोझ से विमानन क्षेत्र की हालत खस्ता हो रही है. उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र पर करों का भारी बोझ है. हमें इसे देखना होगा.