संकटग्रस्त निजी क्षेत्र की एयरलाइन किंगफिशर को राहत के लिए अभी कुछ और इंतजार करना होगा. उसके रिणदाता बैंकों के बीच रविवार को भी इस मुद्दे पर बातचीत जारी रही. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा था कि सरकार निजी क्षेत्र की एयरलाइन को संकट से निकालने के लिए तरीके ढूंढ रही है.
किंगफिशर एयरलाइन ने रविवार को अपनी 40 और उड़ानें रद्द कर दीं. इस तरह एयरलाइन अभी तक 250 उड़ानें रद्द कर चुकी है, जिससे हजारों यात्रियों को परेशानियों से दोचार होना पड़ा है. किंगफिशर के बैंकरों के बीच शनिवार को मुंबई में बैठक हुई थी. कंपनी के रिण पुनर्गठन पर आज उनके बीच कई दौर की बातचीत और हुई.
नकदी संकट से जूझ रही एयरलाइन को उबरने के लिए अतिरिक्त कार्यशील पूंजी की दरकार है. किंगफिशर ने बैंकों से उसकी पूंजी जरूरत का पुन: आकलन करने को कहा है. खासकर यह देखते हुए कि हाल के महीनों में जेट ईंधन के दामों में जोरदार इजाफा हुआ है.
नागरिक उड्डयन मंत्री व्यालार रवि ने एयरलाइन के लिए किसी तरह के राहत पैकेज से इनकार किया है. हालांकि उन्होंने कहा है कि सरकार संकट में फंसे विमानन उद्योग को राहत के लिए कदम उठाएगी. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने भारत में विदेशी एयरलाइंस के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति देने का फैसला किया है, रवि ने कहा कि यह ऐसा मसला नहीं है जिस पर एक दिन में फैसला हो जाए. यह प्रस्ताव आ सकता है जिस पर विचार होगा. किंगफिशर के प्रवर्तक विजय माल्या जोरशोर से विदेशी एयरलाइंस को निवेश की अनुमति दिए जाने की मांग कर रहे हैं.