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बुंदेलखण्ड में धीमे विकास के लिये गैर कांग्रेसी सरकारें जिम्मेदार: मनमोहन

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के भूभाग में फैले बुंदेलखण्ड में विकास कार्यो की गति धीमी होने के लिये गैर कांग्रेसी सरकारों को जिम्मेदार ठहराया.

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के भूभाग में फैले बुंदेलखण्ड में विकास कार्यो की गति धीमी होने के लिये गैर कांग्रेसी सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए शनिवार को कहा कि इस इलाके की स्थिति में सुधार के लिये घोषित पैकेज को सार्थक साबित करने के लिये केन्द्र तथा इन दोनों राज्यों की सरकारों को परस्पर तालमेल से काम करना होगा.

प्रधानमंत्री ने बुंदेलखण्ड क्षेत्र के बांदा जिले में एक रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र की संप्रग सरकार बुंदेलखण्ड के विकास के लिये प्रतिबद्ध है और सरकार इस क्षेत्र के हालात बदलेगी.

केन्द्र द्वारा बुंदेलखण्ड के लिये वर्ष 2009 में जारी 7266 करोड़ रुपए के विशेष पैकेज के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस सरकारों ने, चाहे वे केन्द्र में हों या राज्यों में, हमेशा बुंदेलखण्ड और यहां की जनता के हितों का ध्यान रखा है. दूसरी ओर गैर कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल में इस क्षेत्र के विकास की रफ्तार धीमी पड़ी है.’

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मनमोहन ने कहा, ‘कांग्रेस सरकार ने बुंदेलखण्ड में जो सिंचाई परियोजनाएं शुरू की थीं, वे आज भी अधूरी पड़ी हैं.’ उन्होंने कहा ‘केन्द्र सरकार ने बुंदेलखण्ड में विकास की कमी को सुधारने के लिये जो कोशिशें शुरू की हैं उन्हें सफल बनाने के लिये उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी.’

सिंह ने आरोप लगाया, ‘उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखण्ड के विकास के लिये पैकेज के अतिरिक्त जारी धनराशि का उपयोग करने में अपेक्षित तेजी नहीं दिखाई. हमें आशा है कि भविष्य में हालात में सुधार होगा.’ उन्होंने कहा कि वर्ष 2004-05 से बुंदेलखण्ड की हालत और खराब हो गई है. पिछले कई वष्रो से यहां लगातार सूखा पड़ रहा है. स्थिति से निपटने के उपाय निकालने के लिये संप्रग सरकार ने वर्ष 2008 में एक मंत्रिसमूह गठित किया था और वर्ष 2009 में एक बुंदेलखण्ड विकास पैकेज तैयार किया गया.

उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड के लिये 7266 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इनमें से 3506 करोड़ उत्तर प्रदेश के लिये बाकी 3760 करोड़ रुपए मध्य प्रदेश के लिये व्यय किये जाएंगे.

बुंदेलखण्ड में पेयजल तथा सिंचाई के लिये पानी की खासी किल्लत की तरफ इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘विशेष पैकेज के अतिरिक्त हमने बुंदेलखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की व्यवस्था के लिये 200 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया है. मुझे उम्मीद है कि हम मई में इस प्रस्ताव को मंजूर कर देंगे. इससे इस क्षेत्र में पेयजल की किल्लत दूर करने में काफी हद तक मदद मिलेगी.’

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उन्होंने कहा ‘हमने बुंदेलखण्ड पैकेज में पानी की व्यवस्था पर खास जोर दिया है. इसके तहत वष्रा के जल को एकत्र करने और नदियों के पानी का सही इस्तेमाल करने को बढ़ावा दिया जाएगा. खेती पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा और फसलों की पैदावार बढ़ाने की कोशिश की जाएगी. साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिये पशुपालन तथा डेयरी कार्यो का विस्तार किया जाएगा.’

मनमोहन ने कहा ‘कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने झांसी में एक कृषि विश्वविद्यालय खोले जाने की जरूरत के बारे में मुझे बताया था. इस प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश सरकार की सहमति ले ली गई है और झांसी में एक केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय खोलने के लिये संसद में एक विधेयक लाने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है.’

मनमोहन ने कहा ‘पैकेज के तहत पिछले दो वित्तीय वर्षों में हम करीब 1800 करोड़ रुपए की अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता जारी कर चुके हैं. राज्य सरकारों द्वारा पहले दी गई धनराशि का इस्तेमाल कर लेने के बाद उन्हें इस साल की धनराशि दी जाएगी.’

उन्होंने कहा ‘बुंदेलखण्ड पैकेज की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि केन्द्र, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारें कितना मिल जुल कर काम करती हैं. हमारे जो भी राजनीतिक मतभेद हों, उन्हें भुलाकर हमें बुंदेलखण्ड के विकास के लिये एक होकर आगे बढ़ना चाहिये. हम पैकेज के सम्बन्ध में दिये गए सुझावों पर ध्यान देंगे. साथ ही यह भी चाहते हैं कि सम्बन्धित राज्य सरकारें इस पैकेज को लागू करने में कोई कमी नहीं आने दें.’

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प्रधानमंत्री ने कहा कि बुंदेलखण्ड क्षेत्र की बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिये एनटीपीसी मध्य प्रदेश के बरेठी इलाके में 3600 मेगावॉट का एक सुपर थर्मल पावर प्लांट लगा रहा है.

अप्रैल 2010 से केन्द्रीय उत्पादन केन्द्रों से बुंदेलखण्ड के लिये बिजली के आवटन में बढ़ोत्तरी की गई है. इस वृद्धि की वजह से बुंदेलखण्ड को 500 मेगावॉट अतिरिक्त बिजली दी जा रही है, जिसमें से 300 मेगावॉट उत्तर प्रदेश के लिये है.

मनमोहन ने कहा, ‘लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरतें पूरी करने के लिये प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तीसरे चरण में सरकारी मेडिकल कॉलेज के उन्नयन के लिये मोटे तौर पर मंजूरी दे दी गई है. अच्छी शिक्षा मुहैया कराने के लिये बुंदेलखण्ड के उन जिलों में जहां केन्द्रीय विद्यालय पहले से नहीं हैं. वहां सात केन्द्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी दे दी गई है.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘केन्द्र सरकार ने बुंदेलखण्ड के विकास की कमी दूर करने के लिये जो कोशिश शुरू की है उसमें दोनों राज्य सरकारों को भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी. हमने दोनों राज्य सरकारों को सुझाव दिया है कि वे राज्य की योजना में इस क्षेत्र के विकास के लिये अलग धनराशि रखें. हमें उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारें इस दिशा में कार्रवाई करेंगी.’

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बुंदेलखण्ड को शानदार इतिहास और अलग सांस्कृतिक पहचान रखने वाला क्षेत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर इलाके के विकास के लिये मेहनत करें तो निश्चय ही बुंदेलखण्ड फिर से अपना गौरवशाली स्थान हासिल कर सकता है.

मनमोहन ने कहा ‘मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि केन्द्र की संप्रग सरकार आपकी उम्मीदों को पूरा करने के लिये सभी जरूरी कदम उठाएगी.’

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