भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने स्वीकार किया कि दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों के खिलाफ उन्होंने खास रणनीति बनाई थी लेकिन वह नाकाम रही. भारतीय गेंदबाजों ने सेंचुरियन में 620 रन दे डाले और मेजबान टीम के सिर्फ चार विकेट ले सके.
धोनी ने कहा कि विकेट से मदद नहीं मिल पा रही थी. हमारे पास उतनी रफ्तार वाले गेंदबाज नहीं थे और लाइन तथा लैंग्थ भी सटीक नहीं रही.
भारतीय कप्तान ने कहा कि हमने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे. यह पूछने पर कि पहले टेस्ट में जहीर खान की गैर मौजूदगी का कितना असर हुआ, उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं कि जहीर को हमेशा विकेट मिले लेकिन उसके पास इतना अनुभव है कि एक रणनीति नाकाम रहने पर दूसरी तैयार रहती है.
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि विदेश दौरे पर पहला टेस्ट हारने की आदत से टीम इंडिया को पार पाना होगा.
धोनी ने कहा कि हम पहले टेस्ट में अच्छा नहीं खेल पाते. भारत में ही नहीं बल्कि विदेश में भी. यदि पिछले रिकार्ड को देखा जाये तो आखिरी चरण में हमने अच्छा प्रदर्शन किया है और उम्मीद है कि अगले दो टेस्ट में अच्छा खेलेंगे.