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'डीएम, सिविल सर्जन करें निजी अस्पतालों की जांच'

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों और सिविल सर्जन को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत पंजीकृत निजी अस्पतालों की जांच स्वयं करने का निर्देश दिए.

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नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों और सिविल सर्जन को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत पंजीकृत निजी अस्पतालों की जांच स्वयं करने का निर्देश देते हुए कहा कि जिन अस्पतालों में मापदंड के अनुरूप सुविधा उपलब्ध नहीं हो वहां उन्हें सूची से हटाए जाने की अनुशंसा करें.

श्रम संसाधन विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के कार्यान्वयन की गहन समीक्षा के दौरान नीतीश ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों और सिविल सर्जन को पंजीकृत निजी अस्पतालों की जांच स्वयं करने का निर्देश देते हुए कहा कि जिन अस्पतालों में मापदंड के अनुरूप सुविधा उपलब्ध नहीं हो वहां उन्हें सूची से हटाए जाने की अनुशंसा करें.

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कालेज अस्पतालों को अभियान चलाकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध किया जाए.

उल्लेखनीय है कि इस योजना के अंतर्गत राज्य के लगभग सात सौ निजी अस्पताल एवं पचास सरकारी अस्पताल सूचीबद्ध हैं.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य के सरकारी अस्पतालों में बेहतरीन चिकित्सा एवं जांच की सुविधा उपलब्ध है और इन सरकारी अस्पतालों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सूचीबद्ध करने से विशेषज्ञ चिकित्सकों की सुविधा इलाज के लिए सुलभ हो पाएगी.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ-साथ बीमा कंपनी द्वारा प्रतिपूर्ति की जाने वाली राशि सरकारी अस्पतालों के प्रबंधन को प्राप्त होगी जिससे रोगी कल्याण समिति के पास संसाधन बढेंगे जिसके परिणामस्वरूप अस्पतालों की सुविधा में और बेहतरी आयेगी.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि चिकित्सा की आवश्यकता प्राय: सभी परिवार को पड़ती है और अभी तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में केवल गरीबी रेखा के नीचे तथा अन्य श्रेणी यथा बीडी मजदूर, निर्माण कार्य में लगे कारीगर, मनरेगा मजदूरों किसान क्रेडिट कार्ड धारकों, स्ट्रीट वेंडरों, घरेलू कामगारों एवं कुलियों के परिवार को शामिल किया गया है. उन्होंने इस योजना के दायरे का विस्तार किए जाने का निर्देश देते हुए कहा कि इस योजना से राज्य के सभी परिवारों के (संगठित क्षेत्र को छोड़कर) आच्छदित करने की कार्ययोजना बनायी जाए.

मुख्यमंत्री ने इस योजना में ओपीडी चिकित्सा के लिए कार्डधारियों से भुगतान लिए जाने की व्यवस्था को समाप्त करने का भी प्रस्ताव किए जाने को कहा.

उन्होंने बिहार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना के अंतर्गत देश में आच्छदित तीन करोड़ परिवारों में से लगभग एक चौथाई 71 लाख परिवार बिहार राज्य में हैं.

बैठक में बिहार के श्रम संसाधन मंत्री जनार्दन सिग्रीवाल, राज्य के मुख्य सचिव नवीन कुमार, विकास आयुक्त ए के सिन्हा, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी, श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अमृतलाल मीणा एवं श्रम कल्याण समिति के कार्यकारी निदेशक पीएन झा उपस्थित थे.

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