मुंबई आतंकी हमले के मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली और उसकी पत्नी से पूछताछ कर साक्ष्य जुटाने के उद्देश्य से भारत एक दल को अमेरिका भेजने पर विचार कर रहा है और इसके साथ ही हेडली के खिलाफ आरोपपत्र जल्द दाखिल किया जाएगा.
केन्द्रीय गृह सचिव जी के पिल्लै ने रविवार को कहा, ‘लश्कर ए तैयबा के आतंकी हेडली, उसकी पत्नी और अन्य लोगों से पूछताछ करने और साक्ष्य जुटाने के लिए एक दल को अमेरिका भेजे जाने पर विचार किया जा रहा है और इसके लिए हमें अमेरिकी अधिकारियों से बात करनी होगी.’
पिल्लै ने पत्रकारों के साथ मुलाकात में कहा, ‘हमें इस मामले के पूरे साक्ष्य जुटाने हैं. हम उन्हें यहां नहीं बुला सकते क्योंकि हेडली की पत्नी से पूछताछ की अनुमति दिये जाने संबंधी आग्रह अभी तक अमेरिका के विचाराधीन है. हमें अभी तक इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने अमेरिका जाकर हेडली से जो पूछताछ की है, वह भी तथ्यात्मक रूप से अदालत में नहीं टिक सकती क्योंकि एनआईए ने उसका जो बयान दर्ज किया वह किसी मजिस्ट्रेट के सामने नहीं कराया गया था. हेडली का बयान तथ्यात्मक रूप से स्वीकार्य होना चाहिए.
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत को पूछताछ के लिए दल भेजने से पहले अमेरिका से उसकी अनुमति लेनी होगी ,उन्होंने कहा, ‘हां, एक बार हेडली के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हो जाए, आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.{mospagebreak}
आरोपपत्र दायर करने के बाद, सरकार एक दल को पाकिस्तान भेजने के लिए अदालत से अनुमति मांगेगी . इस आयोग को उन लोगों से पूछताछ के लिए भी भेजा जाना है, जो हेडली की मदद करने और 10 आतंकवादियों को दिशा-निर्देश देने की प्रक्रिया में शामिल थे. मुंबई पर हुए इस आतंकवादी हमले में लगभग 179 लोग मारे गए थे.
यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिकी अधिकारियों को हेडली के साथ ‘प्ली बारगेन एग्रीमेंट’ (गुनाह कबूल करने पर अपराधी की सजा या उस पर लगे आरोपों को कमतर करने संबंधी समझौता) किए जाने के पहले भारतीय एजेंसियों को विश्वास में नहीं लेना चाहिए था ,क्योंकि यह हमला भारत में ही हुआ था, इस पर पिल्लै ने कहा, ‘अवश्य ही, इस बात में कोई शंका नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘अमेरिका ने डेविड हेडली के साथ एक समझौता किया. इस समझौते में कहा गया है कि उसे भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा. इस मुद्दे पर हमने अमेरिका को विचार-विमर्श के स्तर पर यह स्पष्ट कर दिया कि वह ऐसे मामले में यह समझौता कर रहे हैं, जिसमें न केवल भारतीय, बल्कि अमेरिकी भी मारे गए हैं.’ हेडली ने भारत में आतंकवादी हमले की साजिश समेत सभी 12 आरोपों पर दोष स्वीकार कर लिया है. इसके बाद उसने अमेरिकी अधिकारियों के साथ एक प्ली बारगेन समझौता भी कर लिया.
प्ली बारगेन समझौते के तहत हेडली को ऐसे किसी भी अपराध के लिए, जिसके लिए उसने दोष स्वीकार कर लिया है, भारत, पाकिस्तान या डेनमार्क प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा.{mospagebreak}
अमेरिका के दो नागरिकों के संबंधियों ने मुंबई हमले के बारे में एक मुकदमा दायर किया है, जिसके संबंध में अमेरिकी अदालत ने आईएसआई के मेजर जनरल अहमद शुजा पाशा समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों और लश्कर प्रमुख हाफिज सईद को समन जारी किया है.
पिल्लै ने कहा कि वह अदालत इस तथ्य को ध्यान में रखेगी. उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि यह मामला अमेरिका की अदालत में उस समय उठेगा जब हमलों में मारे गए रब्बी के परिवार की ओर से दायर मुकदमे की सुनवाई होगा.’