एशियाई खेलों में 28 साल बाद नाक आउट चरण के लिये क्वालीफाई करने वाली भारतीय टीम को मंगलवार को फुटबाल स्पर्धा में खिताब की प्रबल दावेदार जापान के हाथों 0-5 से शिकस्त का सामना कर टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता देखना पड़ा.
भारत ने अपने अंतिम ग्रुप मैच में सिंगापुर को 4-1 से हराकर अंतिम 16 राउंड में प्रवेश किया था. जापान के सामने टीम कहीं भी मैच में नहीं दिखी, जिसने अपने सभी मैचों में जीत दर्ज की है और अभी तक टूर्नामेंट में एक भी गोल नहीं गंवाया है.
जापान की ओर से युवा स्ट्राइकर केनसुके नगाई (17वें और 51वें) ने दो जबकि रूयोहेई यामाजाकी ने 27वें, यामामुरा काजुया ने 45वें और मिजिनुमा कोटा ने 63वें मिनट में गोल दागे. पहले हाफ में 3-0 की बढ़त बना चुकी जापानी टीम ने विपक्षी गोलमुख में 19 शाट लगाये जिसमें से 13 बिलकुल सही निशाने पर थे.
वहीं भारतीय टीम ने पूरे मैच में जापान के गोलपोस्ट में केवल तीन शाट लगाये जिसमें से एक ही सही लक्ष्य पर था. इस हार का मतलब है कि भारतीय टीम 1970 बैंकाक में कांस्य पदक जीतने के बाद पिछले 40 वर्षों में एशियाई खेलों की अंतिम आठ चरण में प्रवेश नहीं कर सकी है. बैंकाक एशियाड में भारत ने तीसरे स्थान के प्ले आफ में जापान को 1-0 से हराकर कांसा प्राप्त किया था.
भारतीय टीम को कुवैत से 0-2 से शिकस्त का मुंह देखना पड़ा जबकि गत चैम्पियन कतर के सामने 80वें मिनट में 1-0 की बढ़त के बावजूद उसे इस अंडर 23 टूर्नामेंट में 1-2 से हार मिली. इस बार की करारी शिकस्त ने भारत और अन्य शीर्ष देशों के बीच आये अंतर का खुलासा कर दिया है. कभी भारतीय फुटबाल टीम का एशियाड में सफर स्वर्णिम हुआ करता था, जिसमें उन्होंने 1951 और 1966 में सोने का तमगा हासिल किया था.