पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने गुरुवार को कहा कि कुछ लोग निर्वाचित सरकार को सत्ता से गिराने की साजिश रच रहे हैं. गिलानी ने यह भी कहा कि उन्हें सत्ता से बेदखल किए जाने की आशंका है.
इसके पहले, रक्षा मंत्रालय ने सर्वोच्च न्यायालय में बुधवार को दायर अपने एक जवाब में कहा कि देश की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और सेना के संचालन पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है. समचार चैनल 'जियो टीवी' के मुताबिक गिलानी नेशनल आर्ट्स गैलरी में लोगों को सम्बोधित कर रहे थे.
गिलानी ने कहा कि मैं आज यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि साजिशकर्ता निर्वाचित सरकार को गिराना चाहते हैं लेकिन मैं पाकिस्तान के नागरिकों के अधिकार के लिए लड़ूंगा, चाहे मैं सत्ता में रहूं अथवा बाहर हो जाऊं. गिलानी ने कहा कि राज्य के भीतर एक अन्य राज्य नहीं हो सकता. कोई यह नहीं कह सकता कि वह सरकार के अधीन नहीं है.
इससे पहले राष्ट्रीय एसेम्बली में भी उन्होंने संसद की सर्वोच्चता की बात कही थी. उन्होंने कहा कि देश के सभी संस्थान यहां तक कि रक्षा मंत्रालय भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के अधीन हैं. गिलानी ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में हमने सुरक्षा बलों का वेतन दोगुना किया। उन्हें संसद के प्रति जवाबदेह होना होगा.
जियो टीवी ने गिलानी के हवाले से कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि पिछले छह सालों से किस तरह बिन लादेन यहां रह रहा था. किस तरह की वीसा पर वह यहां रह रहा था. सुरक्षा बलों ने इसकी जांच क्यों नहीं की. पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने सर्वोच्च न्यायालय में कहा है कि उसका आईएसआई और सेना के संचालन पर कोई नियंत्रण नहीं है.
न्यायालय अमेरिका को भेजे गए उस गोपनीय संदेश के मामले में सुनवाई कर रहा था, जिसमें दावा किया गया है कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने दो मई को एबटाबाद में अमेरिकी सुरक्षा बलों की एकक्षीय कार्रवाई में अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद पाकिस्तान में सैन्य तख्ता पलट की आशंका जताई थी. रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में अपने एक पृष्ठ के जवाब में कहा है कि वह सेना और आईएसआई की ओर से जवाब दाखिल करने की स्थिति में नहीं है.