हजारों लोगों ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए मिस्र के प्रमुख शहरों की सड़कों पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन अभूतपूर्व होने के कारण राष्ट्रपति हुसनी मुबारक को सेना बुलानी पड़ी. मिस्र के नेता अल बरदेई को नजरबंद कर दिया गया और पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
सरकारी टीवी एवं रेडियो के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने हिंसा के बीच काहिरा में मुबारक की पार्टी ‘नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी’ के कार्यालय को आग लगा दी. उन्होंने दो पुलिस थानों और सुरक्षा बलों की गाड़ियों को भी बरबाद कर दिया. उन्होंने विदेश मंत्रालय को भी नुकसान पहुंचाने का कोशिश की.
मिस्र के सरकारी टीवी के मुताबिक 82 वर्षीय मुबारक ने देश के प्रमुख शहरों काहिरा, एलेक्जेंड्रिया और सुज में शाम 6 बजे से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू लगाने के आदेश दिए थे. इसे लागू करने के लिए सेना और पुलिस दोनों साथ मिल कर काम करेगी. मगर अब पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
सरकारी टीवी के मुताबिक, ‘राष्ट्रपति ने सेना से कहा है कि वह पुलिस के साथ मिल कर कर्फ्यू का पालन करवाए. साथ ही सार्वजनिक तथा निजी संपति की रक्षा करे.’ मगर प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में कर्फ्यू को न मानते हुए देर रात तक सड़कों पर घूमते नजर आए. वे मुबारक के पोस्टर जला रहे थे और उसके विरोध में नारे लगा रहे थे. उन्होंने सेना के लोगों से भी उनका साथ देने के लिए कहा.
मिस्र में सरकार विरोधी आंदोलन में इजाफे के बीच लोकतंत्र समर्थक नेता मोहम्मद अल बरदेई को आज रात नजरबंद कर दिया गया. वे मिस्र में पिछले 30 साल से राज कर रहे हुसनी मुबारक के खिलाफ हो रहे हजारों लोगों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे.{mospagebreak}
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित एवं आईएईए के पूर्व प्रमुख को उनके घर तक सीमित कर दिया गया है. उनको नजरबंद करने के बाद प्रदर्शनकारी हिंसक हो उठे. पुलिस को उन्हें रोकने के लिए रबड़ की गोलियां चलानी पड़ीं, आंसू गैसे के गोले छोड़े गये और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा.
ऐसी सूचना है कि मुबारक की सेहत खराब है. मुबारक के करीब तीन दशक से जारी शासन के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन का आज चौथा दिन है.
इस बीच, प्रशासन ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए जुमे की नमाज के बाद बड़ी रैलियां संगठित करने से प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए देश भर में इंटरनेट और सेल फोन डेटा सेवाएं रोक दी.
इस हफ्ते प्रदर्शन के आयोजनकर्ताओं ने इनका उपयोग किया जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं. पुलिस ने राजधापी काहिरा के गिजा चौराहे पर एक मस्जिद के बाहर अल बरदेई के कुछ समर्थकों को डंडों से पीटा था जो उनके इर्दगिर्द सुरक्षा घेरा बनाए थे. प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए रबड़ की गोलियां दागी और पानी की धार फेंकी. इसी मस्जिद के बाहर प्रदर्शन में अल बरदेई शामिल हुए.
अरबी चैनल अल जजीरा ने पहले रिपोर्ट दी थी कि अल बरदेई गिरफ्तार कर लिए गए हैं. बाद में उसने स्पष्ट किया कि पुलिस ने उन्हें इलाके से जाने की इजाजत नहीं दी थी.
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता की भागीदारी से मुबारक विरोधी व्यापक प्रदर्शनों को बढ़ावा मिला है. प्रदर्शनों की नयी श्रृंखला में सात लोग मारे जा चुके हैं. सैकड़ों की तादाद में दंगा पुलिस ने मस्जिद को घेर रखा था. वे मस्जिद से लगी सड़कों पर आंसू गैस के गोले दाग रहे थे ताकि लोग वहां से नहीं जा सकें. आंसू गैस के गोलों से कई कार में आग लग गई. रिपोर्ट के अनुसार कई लोग बेहोश हो गए. कई आग की चपेट में भी आए.{mospagebreak}
राजधानी काहिरा में कम से कम छह स्थलों पर प्रदर्शनकारियों का भारी हुजूम जमा हुआ. प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल होते हुए अलबरदेइ ने दावा किया कि मुबारक सरकार अंतिम घड़ी में है. इस बीच टेलीविजन चैनलों ने अनेक अन्य प्रमुख मिस्री शहरों में हजारों प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों की रिपोर्ट दी है. भूमध्यसागर के तटीय नगर इस्कंदरिया, मिन्या और सीनाई प्रायद्वीप के अल आरिश से भी इस तरह की झड़पों की खबर मिली है.
राजधानी में रामसिस चौराहे पर हजारों प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हुई. प्रदर्शनकारी अल-नूर से नमाज पढ़ कर निकले थे. उधर, मोहानदिसीन इलाके में दस हजार लोगों ने शहर के केन्द्र में मार्च किया. वे मुबारक मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे.
संकेत हैं कि मिस्र सरकार प्रदर्शनों पर अंकुश लगाने के लिए कुछ कड़े कदम उठा सकती है. सिरकार ने काहिरा में विशेष आपरेशन बल की तैनाती कर दी है .
आतंकवाद निरोधी बल ने महत्वपूर्ण स्थानों पर मोर्चा संभाल लिया है जो विरल ही सड़कों पर नजर आती थी. इसमें केंद्रीय ताहिर चौक भी शामिल है जो इस हफ्ते प्रदर्शन का सबसे बड़ा स्थान रहा है.
मिस्र के आंतरिक मंत्रालय ने मुबारक को हटाने की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ‘निर्णायक कदम’ उठाने की भी चेतावनी दी है. सबसे बड़े विपक्षी समूह मुस्लिम ब्रदरहुड के समर्थन से भी प्रदर्शन ने जोर पकड़ा.{mospagebreak}
इस बीच, दावोस से मिली एक रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने मिस्र सरकार से आज कहा कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पूरी तरह से सम्मान करे.
दावोस सम्मेलन में बान ने कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पूरी तरह से सम्मान किया जाना चाहिए.’ इससे पहले, वियना से काहिरा पहुंचने पर अल बरदेई ने कहा था, ‘मिस्र में यह संकट का वक्त है. मैं मिस्र के लोगों के साथ सहयोग करने आया हूं.’ उन्होंने कहा, ‘बदलाव की प्रक्रिया के लिए हम अब भी सरकार से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. मिस्र का कोई आदमी देश को हिंसा की तरफ बढ़ते नहीं देखना चाहता.’ इससे पहले वियना में उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह मिस्र में ‘परिवर्तन का नेतृत्व’’ करने को तैयार हैं.
उन्होंने कहा, ‘मुबारक ने 30 वषरें तक देश सेवा की और अब उनके सेवानिवृत्त होने का वक्त आ गया है.’
सरकार ने एक बयान में कहा, ‘आंतरिक मंत्रालय ऐसी कार्रवाइयों के खिलाफ फिर चेतावनी देता है और उनसे निपटने के लिए कानून के मुताबिक निर्णायक कदम उठाए जाएंगे.’ मुबारक की सत्तारूढ़ पार्टी नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी ने ‘स्थिति का आकलन’ करने के लिए वृहस्पतिवार को बैठक की. यह जानकारी पार्टी के सदस्यों ने दी.
लोकतंत्र समर्थक युवक समूह ने कहा कि मिस्र की सरकार द्वारा प्रदर्शनों पर घोषित प्रतिबंध का उल्लंघन कर वे सड़कों पर प्रदर्शन जारी रखेंगे.
इस बीच सत्तारूढ़ नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी के महासचिव ने संवाददाताओं को बताया कि अधिकारी देश के युवकों से वार्ता करने को राजी हैं.