चुनाव आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती और उनकी पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी को ढकने के निर्णय पर बसपा की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दिये जाने के बाद विपक्षी दलो ने हाथी चुनाव चिन्ह को ‘फ्रीज’ (समाप्त) कर दिये जाने की मांग की है.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है लखनऊ और नोएडा में सरकारी खजाने से सैकडों करोड़ रुपये खर्च करके लगायी गयी हाथी की मूर्तियां बसपा के चुनाव चिन्ह के प्रचार के अलावा और कुछ नहीं है. हाथी चुनाव चिन्ह को समाप्त क्यों नहीं कर दिया जाता. चौधरी ने यह भी कहा कि एक ओर बसपा ने सरकारी खजाने से अपने चुनाव चिन्ह हाथी की मूर्तियां बनवायी और अब वह उन्हें ढकने के लिए दिये गये चुनाव आयोग के निर्णय को चुनौती भी डाली.
कांग्रेस प्रवक्ता विजेन्द्र त्रिपाठी ने कहा है कि जैसा कि उनकी पार्टी पहले ही हाथी चुनाव चिन्ह फ्रीज कर देने की मांग कर चुकी है यह चुनाव चिन्ह समाप्त कर दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि पहले तो बसपा ने अपने चुनाव चिन्ह हाथी की मूर्तियां बनवायी और अब उन्हें स्वागत की मुद्रा में होने का कुतर्क देकर उन्हें ढकने के आदेश को चुनौती दे रही है.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने पिछले हफ्ते कहा था कि चुनाव आयोग को हाथी की मूर्तियों को ढकने का आदेश देने के बजाय बसपा के चुनाव चिन्ह 'हाथी' को फ्रीज कर देना चाहिए था.
भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा है कि संवैधानिक संस्थाओं के निर्णय पर सवाल उठाना बसपा की अदात में शुमार है और उसके चुनाव चिन्ह हाथी की मूर्तियों के विवाद को अधिक तूल देना उचित नहीं है कारण कि इससे बसपा को चुनावी लाभ मिलने की आशंका है.