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चीन-भारत सीमा है महज 2000 किमी लंबी: चीनी मीडिया

भारत-चीन के मध्य सीमा को लेकर जारी विवाद के बीच चीन के सरकारी स्वामित्व वाले मीडिया ने भारतीय भूमि के 1600 किलोमीटर क्षेत्र पर अपने देश के दावे के लिए आधार तैयार करना शुरू कर दिया है.

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भारत-चीन के मध्य सीमा को लेकर जारी विवाद के बीच चीन के सरकारी स्वामित्व वाले मीडिया ने भारतीय भूमि के 1600 किलोमीटर क्षेत्र पर अपने देश के दावे के लिए आधार तैयार करना शुरू कर दिया है.

दोनों पड़ोसी देशों के बीच अनसुलझे सीमा मुद्दे पर दशकों से जारी विचार-विमर्श के बीच सरकारी स्वामित्व वाली संवाद समिति शिन्हुआ और सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली द्वारा प्रकाशित अंग्रेजी समाचारपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने भारत चीन सीमा को करीब 2000 किलोमीटर लंबा बताया है.

सीमा की लंबाई संबंघी खबरें चीन के सरकारी मीडिया में प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ की 15 से 17 दिसंबर तक होने वाली भारत यात्रा से पहले आयी थी. वेन के नई दिल्ली पहुंचने से एक दिन पहले शिन्हुआ ने कहा था कि सीमा की लंबाई करीब 2000 किमी है.

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चीन का दावा भारतीय आंकड़ों के खिलाफ है. भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच करीब 3500 किमी की प्रभावी (आपरेशनल) सीमा है. ग्लोबल टाइम्स को दिये साक्षात्कार में राजदूत एस जयशंकर ने एक बार फिर भारत की स्थिति स्पष्ट की है.

सीमा पर कथित तनाव के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा, ‘सीमा की स्थिति को चिंताजतक ढंग से पेश किये जाने के बजाय भारत और चीन में वास्तविकता बिल्कुल विपरीत है. हमारी 3488 किमी लंबी साझा सीमा है.’

ग्लोबल टाइम्स ने मंगलवार को छापे जयशंकर के साक्षात्कार में एक टिप्पणी भी छापी है. टिप्पणी में कहा गया है कि चीन की सरकार सीमा की लंबाई को प्राय: 2000 किमी लंबी बताती है. जयशंकर वेन की भारत यात्रा के बाद आज नई दिल्ली से बीजिंग लौट गये. वेन अपने दक्षिण एशियाई दौरे के दूसरे चरण में पाकिस्तान चले गये जहां से वह बीजिंग वापस लौटेंगे.

चीन भारत सीमा की लंबाई के बारे में चीन के सरकारी मीडिया की खबरों पर भारतीय दूतावास की ओर से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की गयी है. वेन की भारत यात्रा से पहले दोनों देशों के बीच सीमा वार्ता का 14वां दौर हुआ था.{mospagebreak}

चीन भारत सीमा की स्थिति के बारे में भारतीय मीडिया में आयी खबरों की ओर इशारा करते हुए वेन ने शुक्रवार को अपनी यात्रा के समापन पर कहा था कि ‘एक भी गोली नहीं चलायी गयी’ और सेनाओं के बीच कोई गोलाबारी नहीं हुई. भारतीय नेतृत्व के साथ हुई उनकी बातचीत के नतीजों को नकारात्मक रूप से पेश करने के लिए भारतीय मीडिया पर तीखा कटाक्ष करते हुए वेन ने कहा था कि इससे द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंच रहा है.

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वेन ने पाकिस्तान रवाना होने से पूर्व संपादकों और विद्वानों के एक समूह के साथ बातचीत में कहा था कि उनका मानना है कि भारत में प्रेस को स्वतंत्रता है लेकिन उसे मित्रता को प्रोत्साहन देने की भूमिका निभानी चाहिए.उन्होंने कहा था कि फिर भी मीडिया द्वारा सीमा मुद्दे को कई बार संवेदनशील बनाया गया जिसके कारण दोनों देशों के नेताओं को नुकसान की भरपाई करनी पड़ रही है.

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