जनगणना में जाति को शामिल करने पर आम सहमति बनाने के प्रयास के तहत केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि केंद्र सभी राजनीतिक दलों को लिखेगा और मुद्दे पर उनके विचार मांगेगा.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि से यहां उनके आवास पर हुई बैठक से बाहर निकलते हुए मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने करुणानिधि को जनगणना में जाति को शामिल किए जाने के मुद्दे पर मंत्री समूह (जीओएम) की बैठक में हुए विचार-विमर्श से अवगत कराया.
मंत्री समूह का नेतृत्व करने वाले मुखर्जी ने कहा कि केंद्र ने राजनीतिक दलों के विचार जानने का फैसला किया है क्योंकि मंत्री समूह की बैठक में कोई आम सहमति नहीं बन पाई. उन्होंने कहा ‘‘मंत्रियों की ओर से अलग-अलग राय व्यक्त की गई. मुद्दे पर फैसला लेने के लिए मंत्री समूह की आगे बैठक होगी.’’{mospagebreak}एक जुलाई को हुई बैठक में मंत्री समूह राजनीतिक दृष्टिकोण से संवेदनशील इस मुद्दे पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में विफल रहा जिसके बाद इसने राजनीतिक दलों की राय जानने का फैसला किया. केंद्रीय मंत्रिमंडल की दो बैठकों में आम सहमति न बनने के बाद पिछले महीने मंत्री समूह का गठन किया गया. सपा, राजद और जद (यू) जैसी पार्टियों ने जनगणना में जाति को शामिल करने की कड़ी वकालत की है.
प्रत्यक्ष कर सुधारों पर मुखर्जी ने कहा कि सभी राज्यों को कर सुधारों माल एवं सेवा करों तथा प्रत्यक्ष कर संहिता के बारे में सूचित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सुधारों को अंतिम रूप देने और इनके कार्यान्वयन में राज्यों को केंद्र के साथ मिलकर काम करना होगा. मुखर्जी ने करुणानिधि को प्रत्यक्ष कर संहिता और माल एवं सेवा कर के बारे में भी अवगत कराया.