देश के प्रमुख औद्योगिक घराने टाटा के मुखिया रतन टाटा का उत्तराधिकारी खोजने की कवायद फिलहाल सिरे चढ़ती नजर नहीं आ रही है. इसके लिए गठित समूह ने आठ माह बाद हाथ खड़े करते हुए कहा है कि उसे टाटा ग्रुप प्रमुख पद पर रतन टाटा का उत्तराधिकारी नहीं मिला है.
समिति का कहना है कि वह कोई ऐसा प्रत्याशी नहीं खोज सकी है जो रतन टाटा की जगह ले सके. समिति के सदस्य और टाटा संस के निदेशक आरके कृष्णकुमार ने कंपनी की वेबसाइट पर प्रकाशित साक्षात्कार में यह जानकारी दी. इसमें उन्होंने कहा, 'हमारी समिति का निष्कर्ष है कि हम टाटा (रतन) का उत्तराधिकारी नहीं खोज सकते.'
टाटा संस, टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है जिसने रतन टाटा के उत्तराधिकारी की खोज के लिए पिछले साल अगस्त में समिति गठित की थी. टाटा दिसंबर 2012 में 75 साल के होंगे और अपने पद से हटेंगे. कुमार ने टाटा की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि खोज समिति को उनका उत्तराधिकारी खोजने के लिए मानकों में ढील देनी होगी. टाटा ग्रुप 71 अरब डालर का है.
समिति के अन्य सदस्यों में टाटा संस के पूर्व उपाध्यक्ष एन ए सूनावाला, ग्रुप निदेशक साइरस मिस्त्री, ग्रुप परामर्शक शिरिन भडूचा तथा प्रबंध विशेषज्ञ प्रो कुमार भट्टाचार्य हैं. कुमार ने रतन टाटा के लिए कहा, 'वे जन्मजात लीडर हैं और इसे आप वे जहां भी जाते हैं देख सकते हैं.'
उन्होंने कहा, 'हम जिसकी तलाश कर रहे हैं उसके लिए मॉडल में बदलाव या पुनर्गठन करना पड़ सकता है.' कुमार के अनुसार समिति अब उन लोगों पर विचार कर रही है जो उस भूमिका में ठीक बैठे जो हमारे दिमाग में है.' इसमें चुनौतियां हैं लेकिन हम शीघ्र ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगे.'