भ्रष्टाचार, कालाधन और सरकार के कथित तानाशाहीपूर्ण रवैये के खिलाफ भाजपा का राष्ट्रव्यापी महाभियान शुरू हो गया है जिसमें पार्टी के शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया.
भाजपा ने कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के ‘बर्बरतापूर्ण व्यवहार, कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ’ 23 जून से चार दिवसीय विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का निर्णय किया था. पार्टी ने 23 जून को श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि से देश में 100 स्थानों पर चार दिवसीय विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया है जो 26 जून तक चलेगा.
इस अभियान की शुरूआत दिल्ली में तालकटोरा स्टेडियम से की गई जिसमें वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, वेंकैया नायडु और अनंत कुमार शामिल हुए. मुख्य विपक्षी दल ने इस कार्यक्रम के तहत सावर्जनिक बैठक, रैली, गोष्ठी, नुक्कड़ नाटक और जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय किया है.
भाजपा ने बुधवार 22 जून को बयान जारी किया था जिसके अनुसार, कांग्रेस और संप्रग सरकार छद्म धर्मनिरपेक्षता और सम्प्रदायिकता के नाम पर कालाधन और भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान बांटने का प्रयास कर रही है. कांग्रेस कैग, सीवीसी, ईडी, चुनाव आयोग, आरटीआइर्द, लोकायुक्त जैसे संस्थाओं को अर्थहीन बनाना चाहती है. और यह उम्मीद करती है कि लोग सरकार के प्रदर्शन और जवाबदेही के बारे में सवाल नहीं करें. भाजपा का अभियान इन मुद्दों पर सरकार का पर्दाफाश करेगा.
चार दिनों तक चलने वाले विरोध प्रदर्शन में लाल कृष्ण आडवाणी, भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के अलावा सुषमा स्वराज, मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह, एम वेंकैया नायडु, अनंत कुमार सहित वरिष्ठ नेता शामिल होंगे. भाजपा इन्हीं विषयों पर एक और अभियान जुलाई में शुरू करेगी जो अगस्त तक जारी रहेगा.