scorecardresearch
 

आतंकियों के अड्डे बने अंडमान निकोबार के निर्जन द्वीप

पड़ोसी देशों से पोषित आतंकवाद की श्रृंखला में देश के दक्षिण पूर्वी इलाके से भारत को निशाना बनाने के उद्देश्य से आतंकी संगठनों द्वारा अंडमान निकोबार के निर्जन द्वीपों को अपना अड्डा बनाने की आशंका है.

Advertisement
X

पड़ोसी देशों से पोषित आतंकवाद की श्रृंखला में देश के दक्षिण पूर्वी इलाके से भारत को निशाना बनाने के उद्देश्य से आतंकी संगठनों द्वारा अंडमान निकोबार के निर्जन द्वीपों को अपना अड्डा बनाने की आशंका है. जिसके चलते सुरक्षा विशेषज्ञों ने 26/11 हमले में आतंकवादियों के समुद्र मार्ग का इस्तेमाल किये जाने के मद्देनजर समुद्री सुरक्षा व्यवस्था एवं खुफिया तंत्र को कारगर बनाने की वकालत की है.

इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस रिसर्च एंड एनालिसिस (आईडीएसए) की हाल में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माने जाने वाले पूर्वी हिन्द महासागर में स्थित अंडमान निकोबार द्वीप समूह को तत्काल चीन, इंडोनेशिया, श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों से खतरा नहीं है, लेकिन इसके बड़ी संख्या में निर्जन द्वीपों को आतंकी संगठनों, तस्करों आदि से बड़ा खतरा है.

इंडियन डिफेंस रिव्यू के विशेषज्ञ रामतनु मैत्रेयी ने कहा कि साल 2005 के प्रारंभ में भारतीय नौसेना ने अंडमान स्थित ‘लैण्डफाल द्वीप’ में म्यामां के अराकान अलगावादियों को पकड़ा था, जो अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे. इन द्वीपों से श्रीलंकाई आतंकवादी लिट्टे के उपयोग करने की खबर भी सामने आई थी. सीबीआई के पूर्व निदेशक जोगिंदर सिंह ने कहा, ‘पाकिस्तान से लगने वाली देश की पश्चिमी सीमा पर जहां भारतीय नौसेना का काफी जोर है, वहीं अंडमान सागर और पूर्वी हिन्द महासागर पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ऐसी खबरें भी आ रही है कि कई द्वीपों पर म्यांमा, बांग्लादेश आदि देशों के नागरिक अवैध रूप से निवास कर रहे हैं और पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा की भी इस पर नजर है.’

Advertisement
Advertisement