अनुसूचित जाति-जनजाति (SC/ST) संशोधन अधिनियम के खिलाफ सवर्ण समुदाय के लोगों ने गुरुवार को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. सवर्णों में बढ़ती नाराजगी का असर बीजेपी नेताओं के चेहरों पर भी दिखने लगी है. ऐसे में बीजेपी ने सवर्णों की नाराजगी से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए दलित मतों को साधने का प्लान बनाया है.
बता दें कि SC/ST एक्ट के खिलाफ 'भारत बंद' का सबसे ज्यादा असर मध्यप्रदेश, राजस्थान और बिहार में दिखाई दिया. दो महीने के बाद राजस्थान और मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सवर्ण समुदाय की नाराजगी बीजेपी नेतृत्व की परेशानी और बढ़ा रही है.
लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी सभी राज्यों में अपने सबसे बड़े अनुसूचित जाति-जनजाति समाज के केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ सांसद और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी को राज्य में सभी जिलो में अनुसूचित जाति-जनजाति समाज के 2000 से 5000 लोगों का सम्मेलन करेंगे.
बीजेपी नेता सम्मेलन में ये बतायेंगे कि मोदी सरकार और बीजेपी शासित राज्य की सरकारों ने कौन कौन से बड़े महत्वपूर्ण पदों पर अनुसूचित जाति-जनजाति समाज से आने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की है.
इसमें राष्ट्रपति, राज्यपाल, राज्यसभा सांसद, केंद्र और राज्य सरकार में मंत्री पद, केंद्र से लेकर राज्यों तक में संगठन में बड़े पद और कई संवैधानिक पदों नियुक्तिया की हैं. उत्तर प्रदेश में इन सम्मेलनों की शुरुआत सबसे पहले करने जा रहा हैं.
इन सम्मेलनों में बीजेपी के नेता मोदी सरकार और राज्य सरकार की उपलब्धियां के साथ साथ केंद्र और राज्य सरकारों के SC/ ST समाज के हितों में लिए फेसलों की भी जानकारी देंगे.
अमित शाह ने राजनैतिक माहौल को देखते हुए जो चुनावी रणनीति बनाई हैं, उस पर पार्टी संगठन के जरिए अमल करना शुरू कर दिया है. अमित शाह अपनी इन्हीं चुनावी रणनीतियों के कारण अपनी जीत सुनिश्चित करने की राह आसान बना लेते हैं.