केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के उलट SC/ST एक्ट को दोबारा मूल स्वरूप में लाने के खिलाफ गुरुवार को सवर्णों ने भारत बंद बुलाया. इस भारत बंद का असर देश के कई राज्यों में हुआ भी, कुछ जगह रेल-सड़कों को रोका गया और आगजनी भी हुई.
इस बीच मोदी सरकार में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले ने बृहस्पतिवार को कहा कि एससी/एसटी अधिनियम में संसद द्वारा किये गए संशोधन की समीक्षा नहीं की जाएगी.
एससी/एसटी अधिनियम में संशोधन को लेकर कुछ संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद की पृष्ठभूमि में उन्होंने यह बात कही. महाराष्ट्र के नागपुर में अठावले ने कहा कि उनकी पार्टी - रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) ‘दलित’ शब्द के इस्तेमाल को लेकर सरकार द्वारा जारी परामर्श के खिलाफ है.
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में बदलाव की मांग करने वालों को दलितों को लेकर अपने व्यवहार में बदलाव लाना चाहिए और उनसे अच्छे से पेश आना चाहिए.
कुछ सांसदों की राय अलग
बता दें कि केंद्रीय मंत्री अठावले से उलट एनडीए के कुछ सांसदों की राय इससे जुदा है. बीजेपी सांसद और पूर्व मंत्री कलराज मिश्र और सुब्रमण्यम स्वामी जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि बड़ी संख्या में SC/ST एक्ट का दुरूपयोग किया जा रहा जिससे स्वर्ण समाज में भयंकर रोष है.
कलराज मिश्र ने गुरुवार को कहा कि जब एक बार फिर से SC/ST क़ानून में बदलाव किया है, उसके बाद से सवर्ण समाज में असुरक्षा की भावना बढ़ी है. उनका कहना है कि SC/ST एक्ट का दुरूपयोग सवर्ण समाज के ख़िलाफ़ किया जा रहा है.