जो अब तक नहीं कहा गया था, अब कह दिया गया है. इंटर्न वकील से यौन शोषण के आरोपी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज का नाम सामने आ गया है. नाम है जस्टिस एके गांगुली.
पीड़िता ने चीफ जस्टिस की बनाई जांच समिति के सामने गवाही देते हुए रिटायर्ड जज एके गांगुली का नाम लिया है. पीड़िता का बयान लेकर जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट चीफ जस्टिस पी सदाशिवम को सौंप दी है. गांगुली का नाम हाई प्रोफाइल जजों में शुमार किया जाता रहा है. 2जी घोटाले की जांच भी उनकी निगरानी में हो चुकी है. इस समय पश्िचम बंगाल राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष हैं. वह 3 फरवरी 2012 को सुप्रीम कोर्ट के जज पद से रिटायर हुए थे.
वह खुद मेरे पास आई थी: गांगुली
गांगुली ने आरोपों को सिरे से नकार दिया है. आरोपों पर हैरानी जताते हुए उन्होंने कहा, 'मैं जांच समिति के सामने पेश हुआ और सारे आरोपों से इनकार किया. ऐसा लगता है कि मैं ' इंटर्न ने उनके साथ काम किया, लेकिन आधिकारिक रूप से वह उनके साथ काम करने नहीं आई थी. वह एक दूसरी इंटर्न के स्थान पर आई थी जो शादी के बाद विदेश चली गई थी. उन्होंने कहा, 'मैंने कोई पोस्टर नहीं लगाया था. वह खुद ही आई थी. यह लड़की काम के सिलसिले में कई बार मेरे घर भी आई थी.'
वहीं, होटल के कमरे में लड़की को बुलाने संबंधी आरोप के बारे में उन्होंने कहा कि उस समय काम के सिलसिले में वह दिल्ली में थे और लड़की भी दिल्ली में थी. जज गांगुली के मुताबिक, 'मुझे पता है कि उसने क्या कहा था. सवाल यह है कि जब मैं दिल्ली में था तो वह भी दिल्ली में थी. वह खुद मेरे पास आई थी.' उन्होंने आगे कहा, अगर वह मेरे साथ काम करने में असहज महसूस कर रही थी तो वह जाने के लिए आजाद थी.
जज गांगुली 17 दिसंबर, 2008 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए थे. कानून की इस इंटर्न के आरोपों की जांच के लिए गठित जजों की समिति ने 13 से लेकर 27 नवंबर तक अपनी बैठकें की थी. इन बैठकों में इंटर्न का बयान दर्ज किया गया. इंटर्न ने तीन हलफनामे भी पेश किए थे.चीफ जस्टिस ने 12 नवंबर को इस समिति का गठन किया था. समिति में जज लोढा के साथ जज एचएल दत्तू और जज रंज ना प्रकाश देसाई भी शामिल थी.
'वह मेरे बच्चे की तरह थी'
जज गांगुली ने कहा कि इंटर्न उनके बच्चे की तरह थी और उन्होंने उसके प्रति वैसा ही व्यवहार किया. यह पूछे जाने पर कि क्या तीन जजों की समिति उनके खिलाफ कड़ी टिप्पणी करेगी, उन्होंने कहा, 'मैं नहीं जानता किस प्रकार की कटु टिप्पणी होगी. जनता में मेरा भरोसा है और जनता मेरे आचरण और न्यायिक कार्य से मेरा आकलन करेगी.' जज गांगुली ने कहा कि अगर यह सिलसिला जारी रहा तो जजों के लिए काम करना दुश्वार हो जाएगा. यह पूछने पर कि अगर उनसे अपनी बात साबित करने के लिए कहा जाए, उन्होंने कहा कि मैं निगेटिव कैसे साबित कर सकता हूं.'
पिछले साल दिसंबर की है कथित घटना
गौरतलब है कि कोलकाता से कानून की पढ़ाई करने वाली एक इंटर्न वकील ने आरोप लगाया था कि पिछले साल दिसंबर में दिल्ली के एक होटल में 'उसके दादा की उम्र के सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने' उसका यौन शोषण किया. तब लड़की ने सिर्फ इतना बताया था कि वह जज हाल ही में रिटायर हुए हैं.
लड़की ने यह सनसनीखेज आरोप सबसे पहले 'जर्नल्स ऑफ इंडियन सोसाइटी' नाम के ब्लॉग के जरिये 6 नवंबर को लगाया. इस लेख का शीर्षक था, 'थ्रू माय लुकिंग ग्लास'. 11 नवंबर को 'लीगली इंडिया' नाम की एक वेबसाइट पर उसका यह लेख दोबारा प्रकाशित हुआ.
'दिल्ली गैंगरेप के खिलाफ उबाल था उन दिनों'
लड़की कोलकाता के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ज्यूडिशियल साइंस से वकालत पढ़कर इसी साल पास आउट हुई है. 'लीगली इंडिया' वेबसाइट से बातचीत में लड़की ने कहा, 'तब मेरा फाइनल ईयर था. सर्दियों की छुट्टी में मैं दिल्ली में इंटर्नशिप कर रही थी. दिल्ली गैंगरेप से लोगों में उबाल था . पुलिस की बैरीकेडिंग को छकाते हुए मैं बड़ी मुश्किल से हाल ही में रिटायर हुए सुप्रीम कोर्ट के उस प्रतिष्ठित जज के पास पहुंची. मुझे अपनी कर्मठता का पुरस्कार मिला यौन उत्पीड़न के रूप में. वह शरीर को चोट पहुंचाने वाला तो नहीं, लेकिन हिंसक जरूर था. मैं उन डरावने ब्यौरों में नहीं जाना चाहती, लेकिन इतना कहना पर्याप्त है कि जब मैं उस कमरे से बाहर निकली, वे यादें मेरे जेहन में थीं. बल्कि, अब भी वे मेरे साथ चलती हैं.'
'मैं जब उस कमरे से बाहर निकली': पढ़िए पीड़िता की पूरी आपबीती