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अशोक गहलोत सरकार में कौन बनेगा मंत्री? दिल्ली दरबार में फैसला आज

राजस्थान में अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बने कई दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं हुआ है. शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, गहलोत और पायलट मंत्रिमंडल के संभावितों चेहरों पर मंथन करेंगे.

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अशोक गहलोत और सचिन पायलट दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलेंगे (फोटो-ट्विटर)
अशोक गहलोत और सचिन पायलट दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलेंगे (फोटो-ट्विटर)

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में कौन होगा मंत्री? इस सवाल का जवाब शुक्रवार को मिल सकता है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि इस मुलाकात में मंत्रिमंडल के संभावित चेहरों पर चर्चा होगी. हालांकि, इस बीच मंत्री पद के लिए दिल्ली में लॉबिंग चल रही है और मंत्री बनने की रेस में शामिल विधायक दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं.

दिल्ली में विधायकों ने प्रभारी अविनाश पांडे, वेणुगोपाल, प्रभारी सचिव विवेक बंसल और देवेंद्र यादव से मुलाकात कर अपनी अपनी बातें रखीं. केंद्रीय नेताओं में मिलने वालों में महेंद्रजीत सिंह मालवीय, बीडी कल्ला, नरेंद्र बुडानिया, महेश जोशी, जगदीश शर्मा, गोपाल मीणा, प्रशांत बैरवा, अर्जुन बामणिया और प्रमोद जैन भया जैसे विधायक शामिल है.

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दिल्ली में चल रही लॉबिंग

बता दें, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट बुधवार को ही दिल्ली पहुंच गए थे तो गुरुवार की रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी दिल्ली पहुंच गए हैं. बताया जा रहा है कि दोनों की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मीटिंग होगी. तीनों मंत्रिमंडल के नामों पर मंथन करेंगे. इससे पहले दिन भर दिल्ली में सचिन पायलट के साथ बैठकों का दौर जारी रहा. मंत्री बनने के लिए विधायकों ने लॉबिंग शुरू कर दी है.

कोई नहीं बनना चाहता स्पीकर

बताया जा रहा है कि सोमवार तक मंत्रियों का नाम फाइनल कर शपथ दिलाई जा सकती है. विधानसभा अध्यक्ष बनने के लिए भी कोई विधायक तैयार नहीं हो रहा है. ऐसे में राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद इस पर भी कोई फैसला हो सकता है. इस बैठक में डिप्टी सीएम और सीएम के अधिकारों का बंटवारा भी किया जा सकता है.

पहली बार दिल्ली में मीटिंग

ऐसा पहली बार हो रहा है कि राजस्थान के मंत्रिमंडल का गठन के लिए दिल्ली में मीटिंग चल रही है. इससे पहले मुख्यमंत्री यहां पर नामों को विचार कर आलाकमान के पास भेजता था और वहां से सिग्नल मिलते ही शपथ दिलाई जाती थी. इस बार कांग्रेस को जीत मिले 10 दिन से ऊपर हो गए लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया है.

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