बगावती तेवर दिखाने वाले सचिन पायलट अब कांग्रेस में वापस आ गए हैं. कांग्रेस में वापसी के बाद सचिन पायलट ने मंगलवार को आजतक से बात की. सचिन पायलट ने कहा कि दिल्ली में आकर हमारे साथियों ने मुद्दों को उठाया था, पार्टी ने हमारी बात को सुना है. अब पार्टी की ओर से क्या पद और जिम्मेदारी दी जाएगी, वो पार्टी पर निर्भर है. पार्टी ने सभी मुद्दों का हल निकालने की बात कही है.
सचिन ने कहा कि बीते वक्त में क्या हुआ और भविष्य में क्या होगा, उसपर अब कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. मेरे लिए कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया, जिनसे ठेस पहुंची और मैंने कड़वा घूंट पिया है. पायलट ने कहा कि मामला सुलझने की ओर बढ़ गया है, मैंने कहा भी था कि कमेटी तो पहले भी बनी हैं, लेकिन पार्टी ने अब मामला जल्द सुलझाने का वादा किया है.
आजतक से खास बातचीत के दौरान सचिन पायलट ने कहा कि मैंने डिप्टी सीएम के रूप में काम किया, राजनीति को व्यक्तिगत रूप से नहीं देखा. मुख्यमंत्री जी मेरे से बड़े हैं और उनके प्रति सम्मान है, लेकिन अगर वादों के मुताबिक काम नहीं हुआ तो उसकी बात उठाना जरूरी थी.
राजस्थान में सियासी ड्रामे का क्लाइमेक्स, क्यों खास है 11 अगस्त, सुनें आज का दिन
'जिन्होंने सरकार बनाई, उनका सम्मान जरूरी'
पूर्व डिप्टी सीएम पायलट ने कहा कि जब पार्टी 21 सीटों पर सिमट गई थी, उसके बाद मैं अध्यक्ष बना और पार्टी को हमने सरकार तक लेकर आए. लेकिन सरकार बनाने में जिनकी भूमिका रही, उन्हें ही सम्मान नहीं मिलेगा तो ठेस पहुंचती है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि मैंने शुरुआत से कहा कि मैं पार्टी के अंदर रहकर ही सवाल उठाउंगा, ऐसे में विपक्षी पार्टी की ओर से फायदा उठाया गया. सरकार और पार्टी को मजबूत करने के लिए काम जारी रहेगा, लेकिन भविष्य में क्या होगा नहीं कह सकता. मैं लोगों को जोड़कर चलने वाला हूं, फूट पैदा करने वाला व्यक्ति मैं नहीं हूं.
'जो चाबी काम करे, उसका इस्तेमाल जरूरी'
ओल्ड बनाम यंग की लड़ाई पर सचिन ने कहा कि पार्टी में हर तरह के लोग हैं जो काम कर रहे हैं, लेकिन नतीजे को देखकर काम किया जाना चाहिए. जिस ताले में जो चाबी काम करे, उसका इस्तेमाल जरूरी है.
राजस्थान में वापस लौटने पर सचिन ने कहा कि मैंने कोई जिम्मेदारी नहीं मांगी है, लेकिन जो काम मिलेगा करूंगा. मैंने किसी से लड़ाई नहीं की, सिर्फ अपनी मांग उठाई है. राजनीति में लड़ाई की कोई जगह नहीं है, वापस जाकर जनता के वादे पूरा करूंगा फिर चाहे पद हो या नहीं हो.
राजस्थान मामला: प्रियंका गांधी और अहमद पटेल ने निकाला बीच का रास्ता!
अशोक गहलोत का सम्मान, लेकिन बयान से ठेस पहुंचा
निकम्मा वाले बयान पर सचिन पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान से मैं आहत था, लेकिन मैंने अपनी ओर से संयम नहीं तोड़ा और किसी तरह का गलत जवाब नहीं दिया. सचिन ने कहा कि राजनीति में हमें अपने शब्दों पर ध्यान देना चाहिए. जब मैं पार्टी अध्यक्ष था तो सारे गुण मुझमें थे, लेकिन अब मैं निकम्मा हो गया.
कांग्रेस नेता ने कहा कि मेरे किसी भी समर्थक ने पार्टी या सीएम के खिलाफ गलत बयान नहीं दिया, आज इसका प्रमाण मिल गया. जो विधायक पार्टी के लिए जेल गए हैं, वो बगावत कैसे कर सकते हैं. सचिन पायलट ने कहा कि राजनीति में कई लोग अपने-अपने विकल्प बताते हैं, लेकिन राजनीति में उतार-चढ़ाव आते हैं.
पद की चिंता नहीं, अपनी बात रखता रहूंगा
इंटरव्यू में सचिन पायलट ने कहा कि मैं जहां पर था, वहां मजबूती से खड़ा हूं. पार्टी की ओर से मुझे पद दिए गए हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि मैं अपनी आत्मा की बात ना सुनूं या बंध जाऊं, अगर मुझे कुछ गलत लगेगा तो अपनी बात रख रहा हूं.
सचिन बोले कि आप पद किसी को दें लेकिन मान-सम्मान ना हो सके और घर के लिए पद लेने वाला व्यक्ति नहीं हूं. हालांकि, राजनीतिक तौर पर जो सम्मान मिलना चाहिए वो नहीं मिल पा रहा था. मैंने पार्टी से सिर्फ यही मांग रखी है कि जिनकी कंधे पर चढ़कर हम सरकार में आए हैं, उनका सम्मान होना चाहिए और काम किया जाना चाहिए.