राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट आज अपने जन्मदिन के मौके पर वीडियो ऐप जूम के जरिए पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से जुड़े. पायलट के जन्मदिन पर राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में स्वैच्छिक ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाए गए. जूम पर जुड़े तमाम लोगों ने सचिन पायलट को बर्थडे की बधाई दी. इस दौरान लोगों ने सचिन पायलट जिंदाबाद की नारेबाजी भी की.
अपने 43वें बर्थडे पर सचिन पायलट ने कहा कि मेरे लिए बर्थडे पर इससे बड़ा तोहफा नहीं हो सकता कि कोरोना वायरस के संकट में आप सभी लोगों ने एक नेक काम किया और ब्लड डोनेशन कैंप लगाए. लाइव चैट के दौरान लोग ब्लड डोनेट करते नजर आए. साथ ही अलग अलग इलाकों से जुड़े कांग्रेस नेताओं ने सचिन पायलट को ब्लड डोनेशन का स्टेटस भी बताया.
सचिन पायलट ने ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित करने वाले नेताओं व कार्यकर्ताओं से कोरोना का ध्यान रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की भी अपील की.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ओपन फाइट के बाद सचिन पायलट पार्टी हाईकमान की दखल और अपनी शर्तों पर वापस लौटे हैं. उनके एक कदम ने गहलोत सरकार को संकट में ला दिया था. अब जबकि सचिन पायलट ने फिर से गहलोत से हाथ मिला लिया है, तो वो लगातार जनसंपर्क में लगे हुए हैं.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ओपन फाइट के बाद सचिन पायलट पार्टी हाईकमान की दखल और अपनी शर्तों पर वापस लौटे हैं. उनके एक कदम ने गहलोत सरकार को संकट में ला दिया था. अब जबकि सचिन पायलट ने फिर से गहलोत से हाथ मिला लिया है, तो वो लगातार जनसंपर्क में लगे हुए हैं.
पायलट वक्त के साथ राजनीति के तौर-तरीके बदलने की वकालत करते रहते हैं. वो खुद ऐसा करते नजर भी आते हैं. हालांकि, जब पायलट ने बगावत की थी तो गहलोत ने सार्वजनिक तौर पर पायलट को निशाना बनाते हुए कहा था कि अच्छी बाइट देने या अंग्रेजी बोलने से कुछ नहीं होता है, काम करना पड़ता है. दूसरी तरफ सचिन पायलट पलटवार करते हुए कहते रहते हैं कि परंपरागत राजनीति से आगे बढ़ना होगा. इस कड़ी में आज अपने जन्मदिन के मौके पर पायलट ऑनलाइन ही अपने समर्थन नेताओं व कार्यकर्ताओं से जुड़े. साथ ही उन्होंने रक्तदान शिविरों का आयोजन कराया.