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राजस्थान निकाय चुनाव के नामांकन का आखिरी दिन, कांग्रेस-बीजेपी ने प्रत्याशियों के नाम नहीं किए घोषित

राजस्थान निकाय चुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने निकाय चुनाव के लिए अभी तक प्रत्याशियों की सूची नहीं जारी की है. माना जा रहा है कि दोनों ही पार्टियां नामांकन दाखिल करने के अंतिम समय में ही अपनी सूचियां जारी करेंगी. हालांकि, नामांकन का शुक्रवार आखिरी दिन है.

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कांग्रेस और बीजेपी
कांग्रेस और बीजेपी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजस्थान निकाय चुनाव के नामांकन का आखिरी दिन
  • कांग्रेस और बीजेपी को सता रहा भीतरगात का खतरा
  • कांग्रेस ने जिले स्तर पर फोन पर प्रत्याशियों को दी हरी झंडी

राजस्थान के 20 जिलों के 90 नगरीय निकाय चुनाव के लिए शुक्रवार को नामांकन भरने का आखिरी दिन है, लेकिन प्रमुख पार्टियों ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. कांग्रेस और बीजेपी ने निकाय चुनाव के लिए अभी तक प्रत्याशियों की सूची नहीं जारी की है. माना जा रहा है कि दोनों ही पार्टियां नामांकन दाखिल करने के अंतिम समय में ही अपनी सूचियां जारी करेंगी. 

दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों में भीतरघात और बगावत के खतरे की संभावना है. इसी के चलते पहली बार स्थानीय निकाय के चुनाव के लिए दोनों बड़ी पार्टियां अपने प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं कर रही हैं. हालांकि, कांग्रेस में सभी उम्मीदवारों को फोन पर ही बता दिया गया है कि आपका नाम तय हो गया और आप जाकर नामांकन भर आएं और बाद में नामांकन करने के दौरान सिंबल दे दिया जाएगा. 

पिछली बार की गलतियों से सीख लेते हुए इस बार बीजेपी ने भी कांग्रेस की तरह सूची जारी करने के बजाए जिलों में पार्टी अध्यक्षों को सूची भेज दी है, लेकिन आखिरी वक्त में उन्हें टिकट का सिंबल दे दिया जाएगा.  प्रदेश के मुख्यालय से निगरानी की जा रही है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया निकाय चुनाव के लिए प्रभारी बनाए गए हैं और अन्य प्रभारियों को क्षेत्र में भेज दिया गया है. 

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कांग्रेस ने जिला स्तर पर फोन पर प्रत्याशियों के नाम बता दिए हैं. साथ ही विधायकों को निर्देश दिए गए हैं कि वो अपने-अपने क्षेत्र जिताकर लाए. पिछली बार की तरह इस बार भी कांग्रेस ने विधायकों की सिफारिश पर ही निकाय चुनाव के  टिकट दिए हैं. हालांकि संगठन बन जाने के बाद कांग्रेस ने संगठन से जुड़े अपने नेताओं को इन चुनावों में प्रभारी बनाया है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के लिए निकाय चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है. ऐसे में दोनों ही पार्टियां एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं. सतीश पूनिया ने इस बार वसुंधरा गुट के विधायकों और नेताओं को प्रभार सौंपा है तो दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बड़ी संख्या में पायलट समर्थकों को चुनाव जिताने की जिम्मेदारी दी है. 

राजस्थान निकाय चुनाव के लिए गुरुवार तक 5102 नामांकन किए गए हैं. 90 निकायों में नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 11 जनवरी से शुरू हुई थी , जो 15 जनवरी तीन बजे तक होगी. बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सभी निकाय सीटों पर चुनाव लड़ रही है. ऐसे में कई जगहों पर निर्दलीयों के अलावा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रत्याशियों के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबला काफी रोचक बनता जा रहा है. 
 

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