राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव के ख़त्म होते ही एक बार फिर से राजनीतिक पारा चढ़ सकता है. सचिन पायलट के खेमे के माने जाने वाले विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा है कि राज्य सरकार को अनुसूचित जाति और जनजाति के विधायकों को उचित सम्मान देना चाहिए. बहुत सारे वरिष्ठ विधायक हैं जो कई बार के जीते हैं, उनको मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहिए.
कांग्रेस विधायक सोलंकी ने यह भी कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार को SC-ST के नाम पर खानापूर्ति नहीं करनी चाहिए. बल्कि उनको अपना हक़ देना चाहिए. हालांकि, वेदप्रकाश के इस बयान पर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह ने कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया. मगर माना जा रहा है कि सचिन पायलट का खेमा अब आर-पार के मूड में है.
दरअसल, बगावत के बाद सचिन पायलट जब वापस लौटे थे तब कांग्रेस की तरफ़ से एक कमेटी बनायी गई थी और कहा गया था कि सचिन पायलट की बातों को सुना जाएगा. अहमद पटेल की अध्यक्षता में कमेटी की तीन मीटिंग भी हुई मगर अहमद पटेल के निधन के बाद उस कमेटी की फिर कभी बैठक नहीं हुई. मामला ठंडे बस्ते में चला गया. माना जा रहा है कि सचिन पायलट विधानसभा उपचुनाव के नतीजे का इंतज़ार कर रहे हैं.
हाल ही में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट आंबेडकर जयंती पर जब राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के दफ़्तर पहुंचे तो उन्होंने कहा था कि कोई वजह नहीं है कि सरकार उपचुनावों के बाद नियुक्तियों में घोटाले और जो AICC से बातचीत हुई थी उस पर अमल न करे. इसके बाद सियासी गलियारे में पायलट के सख्त रुख़ को लेकर की चर्चा जोरों पर है.