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‘बड़े साहब’ के लिए लग्जरी गाड़ी बनी ‘जननी एक्सप्रेस’ एम्बुलेंस

सरकारी कार्यक्रमों और आम जन के हित मे शुरू होने वाली योजनाओं की बखिया किस तरह उड़ रही हैं इसका ताजा उदाहरण देखने को मिल रहा है राजस्थान में. बाड़मेर जिला मुख्यालय स्थित स्वास्थ्य विभाग ने प्रसव के दौरान तड़पने वाली मां का दर्द भी दर किनार कर दिया.

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बाड़मेर का गुगल मैच
बाड़मेर का गुगल मैच

सरकारी कार्यक्रमों और आम जन के हित मे शुरू होने वाली योजनाओं की बखिया किस तरह उड़ रही हैं इसका ताजा उदाहरण देखने को मिल रहा है राजस्थान में. बाड़मेर जिला मुख्यालय स्थित स्वास्थ्य विभाग ने प्रसव के दौरान तड़पने वाली मां का दर्द भी दर किनार कर दिया.

दरअसल ‘जननी एक्सप्रेस’ के नाम से बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में भिजवाई गई एक एम्बुलेंस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नीयत खराब हो गई. एम्बुलेंस से स्ट्रेचर और दूसरा सामान हटाकर अंदर नर्म सोफे नुमा सीट लगा दी गई. अब जिले के सबसे बड़े मेडिकल अधिकारी इस एम्बुलेंस का अपनी खातेदारी में उपयोग कर रहे है .

स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों ने यह करतूत इतनी सफाई से की कि किसी को भनक तक नही लगी. एम्बुलेंस पर लगे 104 लिखे स्टीकर, एनआरएचएम का लोगो और सायरन को भी पुरानी गाड़ी पर शिप्ट करवा दिया गया. अब यह गाड़ी स्वास्थ्य विभाग के मुखिया की सेवा मे लगी हुई है.

मुखिया यानी बाड़मेर जिले के मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी लापरवाही की गाड़ी पर सवार हैं. असल मे वर्तमान सीएमएचओ डॉ. सुनील कुमार बिष्ट के आने से पहले की यह कारस्तानी तत्कालीन सीएमएचओ के समय की है. लेकिन वर्तमान में नए आने वाले सीएमएचओ भी इसी में बैठकर मजे से घूम रहे हैं. जब उनसे इस बारे मे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है और अगर ऐसा है तो इस मामले की जांच की जाएगी. हालांकि यह कहना मुश्किल है कि नए सीएमएचओ को इसकी जानकारी न हो.

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अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या उच्चाधिकारी इस पूरे मामले की जांच करवाकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाही करेंगे या नहीं.

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