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शहीद की शहादत पर गर्व, भाई ने कहा- 40 माओं की गोद सूनी करने वाले को मेरे भाई ने मार गिराया

शहीद श्योराम के छोटे भाई भी सेना में हैं, उन्होंने कहा कि हमें अपने भाई की शहादत पर गर्व है, क्योंकि हमारे भाई ने 40 जवानों को मारने की साजिश करने वालों को खत्म किया है.

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शहीद को दी गई आखिरी विदाई
शहीद को दी गई आखिरी विदाई

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और उसके साथियों से हुई मुठभेड़ में सोमवार को शहीद हुए राजस्थान के श्योराम गुर्जर को आज यानी मंगलवार को नम आंखों से आखिरी विदाई दी गई. राजकीय सम्मान और देशभक्ति नारों के साथ झुंझुनू जिले के पास उनके गांव में अंतिम संस्कार किया गया. शहीद श्योराम गुर्जर के 4 साल के बेटे ने उनको मुखाग्नि दी.

मंगलवार सुबह जब शहीद का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो सेना और पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. जब तक सूरज चांद रहेगा श्योराम तुम्हारा नाम रहेगा, जैसे नारों से पूरा गांव गूंज उठा और हर आंख नम हो गई. वहीं शहीद श्योराम के छोटे भाई भी सेना में हैं, उन्होंने कहा कि हमें अपने भाई की शहादत पर गर्व है, क्योंकि हमारे भाई ने 40 जवानों को मारने की साजिश करने वालों को खत्म किया है. भाई रूपचंद ने कहा कि बड़े भाई के शहीद होने का गम है, लेकिन जिन 40 माताओं की गोद आतंकियों ने सुनी की उन आतंकियों को मारने के लिए भाई शहीद हुआ है, लिहाजा हमें उनकी शहादत पर गर्व है.

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बता दें कि शहीद की पत्नी गर्भवती हैं, जिनकी मार्च में डिलीवरी होनी है. पति की शहादत की खबर सुनकर पत्नी की तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया. शहीद श्योराम तीन भाइयों में सबसे बड़े थे और उन्होंने अपने छोटे भाई को पढ़ा लिखाकर सेना में भर्ती कराया था.

गांव के लोगों का कहना है कि श्योराम गुर्जर का बलिदान बेकार नहीं जाना चाहिए और सरकार को पाकिस्तान से बदला लेना चाहिए. श्योराम के पिता के निधन के बाद उनकी मां ने पढ़ा लिकाकर अपने बेटे का पालन पोषण करके आर्मी में भर्ती कराया था.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि पुलवामा में आतंकवादियों से मुठभेड़ में हमारे बहादुर सैनिकों ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर वीरता की मिसाल कायम की है.

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