देश भर में किसानों के समस्याएं एक जैसी है मगर इसे देखने के लिए राजनीतिक पार्टियों के चश्मे अलग-अलग हैं. दिल्ली में कृषि आंदोलन का समर्थन कर रही कांग्रेस, MSP पर फसलों की खरीद की गारंटी मांग रही है. वहीं इधर, बीजेपी जयपुर में MSP पर बाजरे की खरीद की गारंटी के लिए आंदोलन कर रही है. बीजेपी किसानों के साथ मुख्यमंत्री निवास के बाहर सिविल लाइन्स फाटक पर धरने पर बैठी है. बीजेपी कह रही है कि हम नया कानून बना रहे हैं कि किसान देश में कहीं भी जाकर फसल बेच सकता है. मगर हरियाणा सरकार कह रही है कि हरियाणा की मंडी में हरियाणा के किसान ही खरीद सकते हैं राजस्थान के नहीं. इस बीच MSP से भी आधे दाम में बाजरा बाजार में बिक रहा है और किसान के पास बर्बाद होने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.
राजस्थान में किसान पहले खाद के लिए मारामारी कर रहे थे और अब फसल काट लिए हैं तो इसे लेकर मारे मारे फिर रहे हैं. जयपुर जिले के कोटखावदा के कानाराम (पगड़ी वाला)ने छह सौ रुपए प्रति क्विंटलयानी यानि 6 रुपए किलो के भाव से बीज खरीद कर चार बीघे में बाजरा बोया था. फसल तैयार हुई, मंडी में ले आए तो 900 प्रति क्विंटल यानी यानि नौ रुपए प्रति किलो का भाव मिल रहा है. जयपुर मंडी में सही भाव नहीं मिला तो वापस जा रहे हैं.
जयपुर के जनपथ से गुजरते हुए इन किसानों को उम्मीद है कि कुछ दिन और घाट पर रखते हैं शायद 15 सौ रुपए प्रति क्विंटल यानी पंद्रह रुपए प्रति किलो के भाव तो मिल ही जाएंगे. मगर यह जानकर आश्चर्य होता है कि जयपुर के किसानों को पता भी नहीं है कि केंद्र सरकार ने बाजरे का समर्थन मूल्य घोषित कर रखा है और सरकारी ख़रीद के हिसाब से बाजरे का समर्थन मूल्य 2250 रुपए प्रति क्विंटल है. यानी 22 रुपए 50 पैसे प्रति किलो बाजरा का समर्थन मूल्य है.
दुकानों में आज भी बाजरा 25-30 रुपए प्रति किलो तक मिलता है और लोग शहरों में खरीद कर खाते हैं मगर किसानों को नौ रुपए प्रति किलो के भाव से दाम मिल रहा है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा किसानों को लेकर मुख्यमंत्री निवास के बाहर सिविल लाइन्स फाटक पार धरने पर बैठ गए हैं. वहीं कांग्रेस फिर से बिल के खिलाफ किसानों के साथ आन्दोलन कर रही है.