
Fertilizer Shortage in India: यूपी के बांदा में किसान (Farmers) खाद (Fertilizer Issue 2021) के लिए परेशान है, खाद केंद्र पर वह पहुंच रहे हैं तो उन्हें डीएपी (DAP) नहीं मिल पा रही है. बांदा में पिछले एक सप्ताह से ये स्थिति बनी हुई है. बांदा में सुबह से ही दूर दराज से किसान मंडी पहुंचते हैं, यहां पहुंचकर वे लाइन लगा देते हैं.
किसानों का आरोप है कि संबंधित कागज जमा करने के बाद भी अभी से खाद नही मिली है. खाद नहीं मिली तो किसानों ने आज हंगामा कर दिया. किसानों का आरोप है कि खाद के लिए एक सप्ताह से को- ऑपरेटिव और एग्रो के चक्कर लगा रहे हैं. वहीं कृषि विभाग का कहना है कि खाद की कोई कमी नहीं है, सभी केंद्रों पर पर्याप्त खाद मौजूद हैं. बांदा में बारिश होने के कारण किसानों में 3 गुना खाद की मांग बढ़ी है. जमालपुर के इंद्रजीत,जारी गांव के बृजभूषण और राजेश खाद न मिलने से परेशान नजर आए. इन किसानों ने कहा अगर उन्हें एक दो बोरी मिल जाये तो काफी राहत होगी.

मामला बांदा जिला मुख्यालय मंडी समिति में बने केंद्रों का है, जहां खाद वितरण के 3 से 4 अलग-अलग केंद्र बने हैं. यहां किसानों ने सारे दस्तावेज भी जमा कर दिए लेकिन उन्हें डीएपी नहीं मिल पा रही है. वहीं जिला प्रशासन ने इस बारे में कहा कि खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और पॉस मशीन से खाद का वितरण हो रहा है.
बांदा के डीएम अनुराग पटेल ने कहा खाद की बिल्कुल भी कमी नहीं है. रैक मंगवाने का ऑर्डर शासन को भेज दिया गया है. किसानों के हंगामे के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी जानकारी नहीं है, अगर ऐसा है तो मामले की जांच करवाएंगे.
DAP की कमी थी लेकिन सप्लाई सामान्य हो रही
वहीं केंद्र सरकार के सूत्रों के हवाले से जो जानकारी आई है, उसके मुताबिक, DAP की कमी थी लेकिन अब सप्लाई सामान्य हो रही है. बारिश होने के कारण बुआई जल्दी शुरु हो गई थी, जिस कारण DAP की मांग समय से पहले हो गई, यही वजह है कि सप्लाई प्रभावित हुई है. वहीं एक बात और ध्यान देने वाली है कि खाद कंपनियां खरीदती है, लेकिन ग्लोबल मार्केट में लगातार DAP खाद के दामों में बढ़ोत्तरी की वजह से कंपनियों ने खरीद में देरी की है. यही कारण है कि पिछले साल 31 सितंबर को स्टॉक 50 लाख मीट्रिक टन था जो इस साल सिर्फ 20 लाख मीट्रिक टन रह गया.
रेलवे ने बढ़ाई रैक
सूत्रों ने बताया कि उत्तर भारत खासकर यूपी, हरियाणा में डिमांड के हिसाब से खाद की आपूर्ति करने की कोशिश की जा रही है, रेलवे ने DAP सप्लाई के लिए के लिए 40 से बढ़ाकर 60 रैक की है ताकि सप्लाई में कमी न हो, वहीं एक कंट्रोल रुम के जरिए डिमांड और सप्लाई को देखा जा रहा है. इस साल DAP की खाद पर 1650 रुपए और यूरिया पर 2000 रुपए सब्सिडी मिल रही है.
(बांदा से सिद्धार्थ गुप्ता के इनपुट के साथ)