कोरोना वायरस की महामारी के बीच राजस्थान सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा दिया है. राजस्थान सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दिवाली पर तदर्थ बोनस देने की घोषणा की है. बोनस की 25 फीसदी राशि कर्मचारियों को को नकद दी जाएगी. जबकि बोनस की 75 फीसदी राशि जीपीएफ खाते में जमा कराई जाएगी.
साथ ही सरकार ने कोरोना वायरस की महामारी के कारण उत्पन्न हुए वित्तीय संकट को देखते हुए की जा रही वेतन कटौती को भी स्वैच्छिक करने का ऐलान किया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना वायरस की महामारी के कारण उपजी विकट परिस्थितियों के बावजूद कर्मचारियों के हित में दिवाली के अवसर पर तदर्थ बोनस दिए जाने का निर्णय लिया है. साथ ही, कुछ कर्मचारी साथियों की ओर से वेतन कटौती समाप्त करने की मांग को देखते हुए कोरोना वायरस के बेहतर प्रबंधन के लिए हर माह की जा रही वेतन कटौती को भी आगे से स्वैच्छिक किए जाने का महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है.
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को बोनस का 25 फीसदी हिस्सा नकद दिया जाएगा और 75 फीसदी राशि जीपीएफ खाते में जमा कराई जाएगी. सीएम ने कहा कि 1 जनवरी 2004 और इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों को देय तदर्थ बोनस राज्य सरकार की ओर से एक अलग योजना तैयार कर उसमें जमा कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश के करीब 7 लाख 30 हजार से अधिक कर्मचारियों को तदर्थ बोनस दिए जाने से राजकोष पर करीब 500 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ने की संभावना है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पहले भी अकाल, बाढ़, भूकंप, भारी बारिश और भू-स्खलन जैसी आपदाओं के समय कर्मचारियों ने आगे बढ़कर स्वेच्छा से वेतन कटौती करवाकर योगदान दिया है. ऐसे समय में जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, भामाशाह, एनजीओ, प्रवासियों समेत सभी लोगों का सहयोग मिलता रहा है. उन्होंने कहा कि मार्च में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए अधिकारियों और कर्मचारियों के 29 संगठनों ने सरकार से अनुरोध किया था कि संक्रमण फैलने से रोकने और पीड़ितों की सहायता के लिए वेतन से कटौती की जाए.
सीएम गहलोत ने कहा कि मुख्य सचिव और एसीएस (वित्त) के साथ 20 अगस्त 2020 को कर्मचारी संगठनों की बैठक में भी वेतन कटौती पर सहमति बनी थी, लेकिन कुछ कर्मचारी साथियों के वेतन कटौती समाप्त करने के अनुरोध पर आगे से यह कटौती स्वैच्छिक किए जाने का निर्णय लिया गया है.