देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना जांच को लेकर डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के साथ बदसलूकी की घटनाएं सामने आईं. वहीं इन सबके विपरीत राजस्थान में करौली जिले के युवक ने नजीर पेश की है. इस युवक ने न केवल स्वयं को सुरक्षित रखने बल्कि अपने परिजनों और ग्रामीणों को भी महफूज रखने का अनूठा कदम उठाया है. इसकी क्षेत्र में खासी चर्चा बनी हुई है.
करौली जिले के गुढ़ाचन्द्रजी के समीप तिमावा गांव निवासी एक प्रवासी ने स्वयं को परिवार और गांव से करीब दो किलोमीटर दूर आइसोलेट किया हुआ है. इसके पीछे पिन्टू मीणा की मंशा परिजनों और ग्रामीणों को सुरक्षित रखने की है.
असल में, पिन्टू मीणा अहमदाबाद में काम करते हैं. लॉकडाउन के बीच 16 मई को वह कार से अपने गांव पहुंचे. जहां चिकित्सा टीम ने उनकी स्क्रीनिंग करने के बाद होम आइसोलेशन की सलाह दी. इस पर पिन्टू ने सजगता बरतते हुए स्वयं को करीब दो किलोमीटर दूर अपने खेत में नीम के पेड़ में झूला डालकर आइसोलेट कर लिया.
परिजनों को सुरक्षित रखने और सरकार के नियमों का पालन करने की खातिर इन दिनों पिन्टू लू के थपेड़ों को सह रहे हैं. उन्होंने खेत में एक पेड़ की डाली पर रस्सी से चारपाई को झूला रखा है. जहां भीषण गर्मी में लू के थपेड़ों को झेलकर वह 14 दिन का क्वारनटीन पूरा कर रहे हैं. उनकी मम्मी सुबह-शाम वहीं पर उन्हें भोजन-पानी की व्यवस्था करती हैं.
पिन्टू ने बताया कि वह अहमदाबाद में व्यवसाय करते हैं. लॉकडाउन के चलते पिछले दिनों वह तिमावा आ गए जहां स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान चिकित्सा टीम ने उन्हें 14 दिन के लिए होम आइसोलेट कर दिया. लेकिन उन्होंने घर रहना मुनासिब नहीं समझा और गांव से 2 किलोमीटर दूर खेत में पेड़ पर झूला पर डालकर रहने लगे.