उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार के बीच बसों को लेकर सियासत जारी है. इस बीच राजस्थान कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के बच्चों को लेने कोटा आईं बसों का नंबर निकाल कर दिया और दिखाया कि यह सारी टू व्हीलर और थ्री व्हीलर के नाम पर रजिस्टर्ड हैं.
राजस्थान कांग्रेस का दावा है कि उत्तर प्रदेश की लिस्ट में बसें टू व्हीलर, ऑटो थ्री व्हीलर के नाम पर रजिस्टर्ड हैं, जबकि वह कांग्रेस की बसों पर आरोप लगा रहे. राजस्थान सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच बवाल की शुरुआत मजदूरों के लिए बस चलाने को लेकर हुई. कांग्रेस ने मजदूरों के लिए एक हजार बस चलाने की पेशकश की थी.
योगी सरकार ने किया था ये दावा
इस पेशकश को उत्तर प्रदेश सरकार ने मान लिया था और बसों की लिस्ट मांगी गई थी. कांग्रेस ने एक हजार बसों की लिस्ट भेजी थी. उत्तर प्रदेश सरकार का दावा था कि कांग्रेस की ओर से आई लिस्ट में टू व्हीलर, ऑटो थ्री व्हीलर गाड़ियों के नंबर थे. इसके साथ ही कई बसों के जरूरी कागजात नहीं थे. इसके बाद इजाजत नहीं दी गई.
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बसों को नहीं आने की दी थी इजाजत
कांग्रेस की करीब 500 बसें आगरा-राजस्थान बॉर्डर पर खड़ी रहीं, लेकिन यूपी सरकार ने उन्हें घुसने की इजाजत नहीं दी. इसके बाद बसें बेरंग लौट गई थी. बसों के लौटने के बाद कांग्रेस ने योगी सरकार पर मजदूरों के नाम पर सियासत करने का आरोप लगाया था. इस आरोप के जवाब में योगी सरकार ने राजस्थान सरकार का एक बिल सार्वजनिक कर दिया था.
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राजस्थान सरकार के बिल को किया था सार्वजनिक
दरअसल, यह बिल कोटा से कुछ बच्चों को यूपी पहुंचाने के एवज में राजस्थान सरकार ने यूपी सरकार को भेजा था. करीब 36 लाख का बिल भेजा गया था. इस बिल के जरिए बीजेपी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना और आज ही पूरे बिल का भुगतान कर दिया गया है.
आरोप पर परिवहन मंत्री ने दिया ये जवाब
इस आरोप पर राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि कोटा आईं बसों को यूपी सरकार ने डीजल देने के लिए कहा था. इसके साथ ही कुछ बसों की सेवा ली गई थी. इन दोनों का बिल 36 लाख का है, जिसमें से केवल 19 लाख रुपया ही यूपी सरकार की ओर से भेजा गया है. यह बिल दोनों सरकारों की मंजूरी के बाद भेजा गया था.