scorecardresearch
 

अजय माकन का कल से तीन दिवसीय राजस्थान दौरा, पायलट-गहलोत खेमे को साधने की चुनौती

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी अजय माकन शुक्रवार को तीन दिवसीय यात्रा पर राजस्थान पहुंच रहे हैं. इस दौरान माकन कांग्रेस के करीब 100 विधायकों, पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ जयपुर और कोटा में विचार-विमर्श और मंथन करेंगे.

Advertisement
X
कांग्रेस महासचिव अजय माकन
कांग्रेस महासचिव अजय माकन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अजय माकन का 25 दिसंबर से अहम राजस्थान दौरा
  • राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों पर पायलट खेमे की नजर
  • राजस्थान कांग्रेस संगठन के पुनर्गठन पर माकन करेंगे चर्चा

राजस्थान के निकाय चुनाव में कांग्रेस को मिली सफलता के बाद अब सरकार और संगठन में नियुक्तियों को लेकर कवायद शुरू हो गई है. इसी लिहाज से कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी अजय माकन शुक्रवार को तीन दिवसीय यात्रा पर राजस्थान पहुंच रहे  हैं. इस दौरान माकन कांग्रेस के करीब 100 विधायकों, पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ जयपुर और कोटा में विचार-विमर्श और मंथन करेंगे.

अजय माकन का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि प्रदेश में जल्द ही राजनीतिक नियुक्तियां होने वाली हैं. इतना ही नही कांग्रेस प्रदेश कमेटी का पुनर्गठन किया जाना है. ऐसे में माकन कांग्रेस कमेटी की प्रक्रिया के साथ-साथ राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर भी राय मशवरा करेंगे. माकन के सामने गहलोत और पायलट गुटों को संतुष्ट करने एक चुनौती भरा काम रहेगा. गहलोत और पायलट गुट इन राजनीतिक नियुक्तियों में एक बड़ा हिस्सा अपने-अपने खेमे के करीबियों को दिलाना चाहते हैं. 

राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पुनर्गठन को लेकर तैयारियां जोरों से चल रही हैं. प्रदेश में इस महीने और अगले साल के जनवरी महीने में पीसीसी के पुनर्गठन और उसके अलावा कई महत्वपूर्ण पद भरे जाने हैं. यह माना जा रहा है कि पीसीसी के पुनर्गठन में युवा और अनुभव दोनों को तवज्जो देनी है. 

Advertisement

पायलट गुट पहले से ही इन राजनीतिक नियुक्तियों पर नजर लगाए बैठा है. सचिन पायलट और उनके कई वफादार माने जाने वाले नेता, जिनको पार्टी में दरकिनार कर दिया गया था. उनकी आशाएं इन राजनीतिक नियुक्तियों से बंधी हुई हैं. खुद सचिन पायलट समेत कई नेता, जिनमें विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा शामिल हैं, जिन्हें बगावत करने के बाद अपने पदों को गंवाना पड़ा था. 

हालांकि, अब पायलट गुट के कई नेताओं की उम्मीदें इन राजनीतिक नियुक्तियों पर है. सचिन पायलट खुद भी कह चुके हैं कि जिन कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पार्टी के लिए काम किया है, उन्हें उसका सिला मिलना चाहिए. उन्हें कंसलटेटिव प्रोसेस में शामिल किया जाना चाहिए.

आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं. हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष ने सचिन पायलट से उनके घर पर बैठक कर पीसीसी के पुनर्गठन संबंधी विषय पर चर्चा की है. सूत्रों के मुताबिक यह मीटिंग गांधी परिवार के कहने पर की गई जिसने राजस्थान में कांग्रेस नेतृत्व को सचिन पायलट को विचार-विमर्श प्रक्रिया में शामिल करने के लिए कहा गया है. 

वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में पायलट गुट के नेताओं पर हाल ही में फिर से निशाना साधा है. गहलोत ने कहा कि भाजपा राजस्थान सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है और यह भी कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बचाने के लिए कुछ नेताओं को बर्खास्त करना पड़ा था.

Advertisement

कांग्रेस के प्रभारी  अजय माकन अपनी तरफ से कह चुके हैं कि कांग्रेस के लिए राजस्थान में गहलोत और पायलट दोनों महत्वपूर्ण हैं. राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी ने यह भी कहा कि प्रदेश में नियुक्तियों में समान तर्जी दी जाएगी. साफ तौर पर अजय माकन के पास दोनों पायलट और गहलोत गुटों को संतुष्ट करने का एक बड़ा काम है.

माकन के दौरे के दौरान हाल में हुए पंचायत और निकाय चुनावों के नतीजों पर भी चर्चा की जा सकती है. कांग्रेस के कई नेताओं का मानना है कि पुराने नेताओं को कांग्रेस की पंचायतीराज चुनावों में हार के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए. बीजेपी ने कांग्रेस को पंचायत चुनाव में करारी मात दी है. हालांकि, निकाय चुनावों में कांग्रेस पहले नंबर पर आई थी जबकि भाजपा को तीसरा स्थान मिला था.

 

Advertisement
Advertisement