पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सियासी खींचतान के बाद आखिरकार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो गया. नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. पंजाब की सियासी तपिश पिछले कुछ महीनों से गर्म राजस्थान तक भी पहुंच गई है. पंजाब में कांग्रेस की राजनीति को लेकर राजस्थान में भी इशारों-इशारों में ही ट्विटर के जरिए घमासान मच गया है.
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन ने एक ट्वीट को रीट्वीट किया है जिसमें लिखा था कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Captain Amrinder Singh) हों या अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot), उससे पहले शीला दीक्षित या फिर कोई भी और, ये सीएम बनते ही समझ लेते हैं कि पार्टी इन्हीं की वजह से जीती है. ऐसे नेताओं ने खुद को कांग्रेस आलाकमान से ऊपर समझ लिया है जबकि सोनिया गांधी और गांधी परिवार के नाम पर जीतकर ही ये मुख्यमंत्री बने हैं. माकन के इस रीट्वीट से राजस्थान कांग्रेस में सियासी हलचल बढ़ गई है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनने पर बधाई नहीं दी थी. आज दोपहर बाद गहलोत ने सिद्धू को बधाई तो दी लेकिन साथ ही नसीहत भी दे डाली. राजनीतिक गलियारे में इसे कांग्रेस के मुख्यमंत्री बनाम कांग्रेस आलाकमान के रूप में देखा जा रहा है. नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिखा है कि कांग्रेस की परंपरा रही है कि यहां हर फैसला लेने से पहले सभी से राय-मशविरा किया जाता है.
सबकी राय से होता है फैसला
गहलोत ने आगे कहा है कि सभी को अपनी बात रखने का मौका मिलता है. सबकी राय को ध्यान में रखकर जब एक बार पार्टी हाईकमान फैसला ले लेता है तब सभी कांग्रेसजन एकजुट होकर उसे स्वीकार करने की परंपरा को निभाते हैं. यही कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर मीडिया के सामने पिछले सप्ताह ही घोषणा कर दी थी कि जो कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला होगा, उसे स्वीकार करेंगे. उन्होंने आगे कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया है. उम्मीद है कि वे कांग्रेस की परंपरा का निर्वहन करेंगे और सभी को साथ लेकर पार्टी की रीति-नीति को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे.
नहीं हो रहा मंत्रिमंडल विस्तार
ऐसा माना जा रहा है कि राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन, सोनिया गांधी का संदेश कई बार अशोक गहलोत को सुना चुके हैं लेकिन सचिन पायलट के मामले में वो नरमी को तैयार नहीं. न तो मंत्रिमंडल में फेरबदल हो रहा है और ना ही कोई राजनीतिक नियुक्तियां ही हो पा रही हैं. सचिन पायलट के साथ गए विधायकों को भी एडजस्ट नहीं किया जा रहा है इसे लेकर राजस्थान में आए दिन बयानबाजी होती रहती है.