राजस्थान के बाड़मेर जिले में 80 साल के एक बुजुर्ग और उसके परिवार पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है. बुजुर्ग का एक बेटा पाकिस्तान की जेल में बंद है तो दूसरा बाड़मेर की जेल में. दो बेटों के जेल में बंद होने से परिवार पहले ही मुश्किल में था कि ग्रामीणों ने इस दलित परिवार को गांव छोड़ने का फरमान सुना दिया. ग्रामीणों ने गांव न छोड़ने की स्थिति में घर जला देने की चेतावनी दी गई. डर के मारे परिवार ने गांव छोड़ दिया और पास के गांव में शरण ली.
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की सीमा पर स्थित बाड़मेर जिले के निवासी गेमरा राम अपनी प्रेमिका के साथ पकड़े गए थे. रात के समय पुलिस से बचने की कोशिश में मेगरा राम गलती से सीमा रेखा पार कर पाकिस्तान की सीमा में चले गे. मेगराराम को पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ लिया. तब से वह पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. परिजनों ने नेता-मंत्री सबसे गुहार लगा ली कोई ठोस नतीजा नहीं निकला.
बुजुर्ग मां-बाप अभी मेगरा राम की रिहाई की कोशिश में ही जुटे थे कि दूसरा बेटा गांव की ही एक लड़की को भगा ले गया. उसे बाद में पुलिस ने पकड़ लिया और लड़की के परिजनों की तहरीर पर गेमरा राम के भाई पीथराम को जेल भेज दिया. बताया जाता है कि इसके बाद गांव के लोगों ने अपने स्तर पर पंचायत बुलाई और फैसला किया कि इस परिवार को गांव में नहीं रहने दिया जाएगा.
इसके बाद एक के बाद एक लगातार धमकियों का दौर शुरू हो गया. जब परिवार के लोग गांव से नहीं निकल रहे थे तो दो दिन पहले ही ये चेतावनी दे दी गई कि अगर वे गांव छोड़कर नहीं जाएंगे तो उनका घर जला दिया जाएगा. डर के मारे बुजुर्ग दंपति के साथ ही कुल 21 लोगों के परिवार ने अपना गांव छोड़कर पड़ोस के गांव में शरण ली.
ग्रामीणों के खिलाफ दी तहरीर
बुजुर्ग दंपति के परिवार के गांव छोड़ने का मामला सोशल मीडिया पर उठा. बाद में परिवार की ओर से भी गांव के लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया गया है. परिवार ने डराने-धमकाने वाले गांव वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. साथ ही दलित परिवार ने पुलिस से सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी गुहार लगाई है.