पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और अन्य अकाली नेताओं ने अकाल तख्त द्वारा सुनाई गई सजा को स्वीकार किया. स्वर्ण मंदिर में सुखबीर बादल ने व्हीलचेयर पर बैठकर पहरेदारी की, जबकि अन्य नेताओं ने लंगर में बर्तन धोने जैसी सेवाएं कीं. यह सजा 2007 से 2017 के बीच हुई धार्मिक गलतियों के लिए दी गई है. इस घटना को अकाली दल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है. VIDEO