भाखड़ा हेडवर्क्स पर पंजाब पुलिस की तैनाती के खिलाफ एक याचिका शनिवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की गई है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि इससे हरियाणा को पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है. दरअसल, पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने से इनकार कर दिया है. भगवंत मान सरकार का कहना है कि हरियाणा पहले ही मार्च तक अपने आवंटन से 103 प्रतिशत पानी उपयोग कर चुका है.
एडवोकेट रविंदर सिंह ढुल द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि पंजाब सरकार ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के भाखड़ा हेडवर्क्स और लोहंड खुड्ड एस्केप चैनल पर अवैध रूप से पुलिस बल तैनात किया है, जो संवैधानिक कर्तव्यों का उल्लंघन है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक याचिकाकर्ता ने बताया कि भाखड़ा हेडवर्क्स के रेगुलेटर गेट, जहां से हरियाणा के लिए पानी बढ़ाया जाना था, अब पंजाब पुलिस के नियंत्रण में हैं. अगर पुलिस रेगुलेटर गेटों को खोलने की अनुमति नहीं देती, तो हरियाणा को आवंटित 8,500 क्यूसेक पानी की आपूर्ति संभव नहीं हो सकेगी.
ढुल ने दलील दी कि यह कदम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन के अधिकार) का उल्लंघन है क्योंकि यह हरियाणा के नागरिकों के लिए पेयजल और सिंचाई दोनों को बाधित कर सकता है.
बता दें कि पंजाब सरकार ने नंगल बांध के कंट्रोलिंग स्टेशन पर भारी संख्या में पुलिस तैनात करने के साथ ही वहां ताला लगवा दिया है. पंजाब के मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा था कि उन्होंने नांगल बांध पर कंट्रोल कर लिया है और जिस कमरे से पानी की आपूर्ति को विनियमित किया जाता है, उसे बंद कर दिया गया है और इसकी चाबी पुलिस को दे दी गई है.
याचिका में कहा गया कि भाखड़ा बांध हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के लिए सिंचाई का प्रमुख स्रोत है. BBMB की तकनीकी समिति ने 23 अप्रैल को हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी देने का निर्णय लिया था, जिसमें 7,000 क्यूसेक हरियाणा, 1,000 क्यूसेक दिल्ली और 500 क्यूसेक राजस्थान को जाना था. हालांकि पंजाब ने इस फैसले पर असहमति जताई और हरियाणा को केवल 4,000 क्यूसेक पानी देने की बात कही. इसके साथ ही पंजाब ने BBMB के फैसले को मानने से इनकार कर दिया और पुलिस बल तैनात कर दिया.