ईरान और इजराइल के बीच जारी युद्ध के बीच फंसे पंजाब के तीन युवकों को आखिरकार भारत सरकार ने 'ऑपरेशन सिंधु' के तहत सुरक्षित वापस ला दिया है. इन युवकों को एक धोखेबाज ट्रैवल एजेंट ने ऑस्ट्रेलिया भेजने का झांसा देकर ईरान पहुंचाया था, जहां उन्हें अगवा कर लिया गया.
अपहरण कर लिया गया
संगरूर जिले के धुरी निवासी हुसनप्रीत सिंह, और उनके दो दोस्त अमृतपाल सिंह और जसपाल सिंह को 1 मई 2025 को ईरान में किडनैप कर लिया गया था. हुसनप्रीत ने बताया कि ईरान पहुंचने पर उन्हें कहा गया कि तीन दिन तक हवाई अड्डे पर ही रुकना होगा और बाहर जाने की अनुमति नहीं है. इसी दौरान एजेंट से संपर्क करने के प्रयास में वे अपहरणकर्ताओं के हाथ लग गए.
मोबाइल, पासपोर्ट छीन लिया
अपहरणकर्ताओं ने उनका मोबाइल और पासपोर्ट छीन लिया और फिर उन्हें एक महीने तक बुरी तरह प्रताड़ित किया. हुसनप्रीत ने बताया, 'मेरे शरीर पर चाकू के निशान हैं और मेरा एक पैर अभी भी जख्मी है.' उन्होंने बताया कि अपहरणकर्ता पाकिस्तानी पंजाबी भाषा बोलते थे और एक व्यक्ति ईरानी था. उनसे पहले दो करोड़, फिर एक करोड़, और अंत में 54 लाख रुपये की फिरौती की मांग की.
भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और ईरान स्थित भारतीय दूतावास की त्वरित कार्रवाई से इन युवकों को सुरक्षित रिहा कराया गया. हुसनप्रीत की मां ने कहा, 'अब मेरा बेटा मेरे पास है, यही सबसे बड़ी खुशी है.'
इस मामले में भाजपा नेता रणदीप सिंह दीओल ने पंजाब सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि, 'इन नौजवानों को फंसाने वाला ट्रैवल एजेंट अब तक फरार है. ऐसा लगता है कि उस एजेंट के अपहरणकर्ताओं से भी संबंध थे. लेकिन पंजाब सरकार ने न तो उसे गिरफ्तार किया, और न ही पीड़ित परिवारों को कोई मदद दी.'